हार्दिक पटेल ने भरी हुंकार, हक नहीं दिया तो छीन लेंगे

नयी दिल्ली/अहमदाबाद। पीएम नरेंद्र मोदी के गुजरात में पाटीदार कम्युनिटी आरक्षण की मांग को लेकर मेगा रैली कर रही है। मंगलवार को अहमदाबाद में हो रही इस रैली की अगुवाई 22 साल के हार्दिक पटेल कर रहे हैं। उनका दावा है कि जीएमडीसी ग्राउंड में इस रैली के लिए पूरे गुजरात से 25 लाख लोग पहुंचे हैं। हार्दिक ने सरदार पटेल की मूर्ति के बहाने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और राज्य की भाजपा सरकार को भी चुनौती दे डाली। पटेल ने कहा- अगर आरक्षण की हमारी मांग नहीं मानी गई तो गुजरात में फिर कमल नहीं खिलेगा।
पटेल ने कहा, ”1998 में हमने कांग्रेस को उखाड़ फेंका था। अब 2017 आने वाला है। चुनाव फिर होंगे। जो हमारी बात नहीं मानेगा उसे उखाड़ फेंकेंगे। साफ है कि 2017 में हम कमल को भी उखाड़ सकते हैं। अपने हैं, इसलिए प्यार से हक मांगने निकले हैं। नहीं तो, आवाज ओबामा तक पहुंचनी चाहिए। गुजरात में हम सिर्फ एक करोड़ 20 लाख हैं। लेकिन हिंदुस्तान में हमारी तादाद 50 करोड़ है। हम 25 अगस्त को क्रांति दिवस बना देंगे।” हार्दिक पटेल ने कहा- ‘सरदार पटेल अगर देश के पहले पीएम बनते तो हालात कुछ और होते। पटेल की बड़ी मूर्ति लगाकर लोग राजनीति कर रहे हैं। हम सबका साथ, सबका विकास के साथ हैं। इसलिए बराबरी चाहते हैं। सरकार मिलने बुला रही है। आप बताइए कि क्या मिलने जाएं?’
– हार्दिक पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के कोऑर्डिनेटर हैं। यह समिति अब तक 70 रैलियां कर चुकी है।
– अहमदाबाद से करीब 80 किलोमीटर दूर वीरमगाम तहसील के चंद्रनगर गांव में रहने वाले हार्दिक पटेल कॉमर्स से ग्रेजुएट हैं।
– उन्होंने साल 2011 में सेवादल से अलग होकर वीरमगाम में एसपीजी यानी सरदार पटेल सेवादल शुरू किया था। हार्दिक के पिता बीजेपी पार्टी से जुड़े हुए हैं।
– इस समय हार्दिक के सबसे करीबी व्यक्ति चिराग पटेल हैं। चिराग वही हैं, जो 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में आप पार्टी के टिकट पर मौजूदा सीएम आनंदीबेन के खिलाफ खड़े हुए थे। हालांकि वे हार गए थे।
– लोकसभा चुनाव के वक्त हार्दिक आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल का समर्थन करते दिखे थे।
क्या है मांग?
– गुजरात की कुल आबादी 6 करोड़ 27 लाख है। इसमें पटेल-पाटीदार लोगों की तादाद 20% है।
– यह समुदाय आरक्षण की मांग कर रहा है।
– ये लोग खुद को ओबीसी कैटेगरी में शामिल कराना चाहते हैं ताकि कॉलेजों और नौकरियों में काेटा मिल सके।
– राज्य में अभी ओबीसी रिजर्वेशन 27% है।
– आेबीसी में 146 कम्युनिटी पहले से लिस्टेड हैं। पटेल-पाटीदार समुदाय खुद को 146वीं कम्युनिटी के रूप में ओबीसी की लिस्ट में शामिल कराना चाहता है।
– राज्य के 120 भाजपा सांसदों में से 40 सांसद इसी कम्युनिटी से आते हैं।
हार्दिक पटेल ने रैली में और क्या कहा?
* हम जहां से निकलते हैं वहां क्रांति शुरू हो जाती है। हम लव-कुश के वंशज हैं। चाहे 14 साल का वनवास क्यों न हो? हम पीछे नहीं जा सकते। सरकार कहती है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक हमें आरक्षण नहीं मिल सकता। लेकिन हम कहते हैं कि अगर एक आतंकवादी के लिए रात को तीन बजे सुप्रीम कोर्ट खुल सकता है तो हमारे लिए क्यों नहीं?
* हार्दिक ने कहा- हम किसी के साथ गद्दारी नहीं कर सकते। कांग्रेस और बीजेपी दोनों कह रही हैं कि हमारा आंदोलन उनकी देन है। लेकिन यह सही नहीं है। जो पाटीदारों की बात करेगा वही गुजरात पर राज करेगा। आज का दिन पाटीदार क्रांति का दिन है। हम हर साल इसे इसी रूप में मनाएंगे। हमने गुजरात और केंद्र में सरकारें बनाई हैं। लेकिन जब हमारे हक की बात आती है तो सब मुंह मोड़ने लगते हैं। हम भीख नहीं, केवल अपना हक मांग रहे हैं। हमें सुप्रीम कोर्ट से मतलब नहीं हम तो सिर्फ अपना हक मांग रहे हैं। जब तक नहीं मिलता, पीछे नहीं हटेंगे। हम पार्टी नहीं पाटीदार हैं।
* ये 100 मीटर की दौड़ नहीं, ये तो मैरॉथन है। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू भी हमारे हैं। गुजरात के 6 हजार किसानों ने खुदकुशी की है। अब अगर किसी किसान ने खुदकुशी की तो इसके लिए जिम्मेदार सरकार होगी। हम किसी का विरोध नहीं करते।
* जिस स्तर का केजरीवाल ने किया है, वैसा कुछ करेंगे। अब कोई रावण लंका में नहीं बचेगा। हम भीख नहीं, हक मांग रहे हैं। सरदार के संस्कार आज भी हमारे अंदर है। एक पटेल ने देश को एक किया, हम तो 50 लाख हैं। पहले आंदोलन सफल नहीं हुए क्यों? क्योंकि वे पॉलिटिकल फायदे के लिए चलाए जा रहे थे। इस आंदोलन को युवा पीढ़ी चला रही है।
रविवार को गुजरात की सीएम आनंदीबेन पटेल ने अखबारों में खुली चिट्ठी लिखकर पटेल समुदाय से आंदोलन खत्म करने की अपील की थी। सीएम ने इस लेटर में लिखा था कि संविधान के हिसाब से पटेलों को आरक्षण देना मुमकिन नहीं है। लेकिन इस कम्युनिटी के गरीबों की मदद के लिए सरकार अलग से प्लानिंग कर सकती है। लेकिन हार्दिक ने सीएम की इस अपील को ठुकराते हुए कहा कि सीएम हमारी मांगों से बचने के लिए बहानेबाजी कर रही हैं।
गुजरात के अलावा दूसरे राज्यों के लोगों ने भी मंगलवार की रैली में हिस्सा लिया। राज्य सरकार ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। 20 हजार से ज्यादा पुलिस के जवानों को सुरक्षा में लगाया गया। कमांडो और अर्धसैनिक बलों को भी अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गईं। ड्रोन के जरिए भीड़ पर नजर रखी गई। अहमदाबाद के ज्यादातर इलाकों को नो-व्हीकल जोन बना दिया गया। रैली जीएमडीसी ग्राउंड में हो रही। इस मैदान में केवल तीन लाख लोग आ सकते हैं। पटेल समुदाय का दावा है कि करीब 25 लाख लोग रैली में पहुंचें। सरकार के सूत्रों का कहना है कि अगर ऐसा होता है तो यह बेहद खतरनाक है। लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने कुछ स्कूलों में मंगलवार को छुट्टी रखने के ऑर्डर दिए। आम लोगों से कहा गया कि वे जब तक बहुत जरूरी न हो तो घर से न निकलें। एक खास कंट्रोल रूम बनाया गया जहां से पुलिस और होम मिनिस्ट्री के अफसर हालात पर नजर रखेंगे। राज्य सरकार ने रैली में आने वाले लोगों की तादाद को देखते हुए सिक्योरिटी अरेजमेंट्स सख्त कर दिए। पुलिस के साथ ही पैरामिलिट्री फोर्स को भी तैनात किया गया है।
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