हार से कांग्रेस में खलबली, दिग्विजय बोले- ‘करो बड़ी सर्जरी’

diggiwww.tahalkaexpress.com नई दिल्ली। चार विधानसभा चुनावों में निराशाजनक नतीजों ने कांग्रेस के अंदर हलचल मचाकर रख दी है। पिछले 2 साल के अंदर 6 राज्य खोने वाली कांग्रेस में अब पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने तो पार्टी के अंदर बड़ी सर्जरी की मांग कर डाली है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या दिग्विजय ने पार्टी में ‘सर्जरी’ की बात कहकर राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल खड़ा किया है।

दिग्विजय सिंह ने चुनावों में निराशाजनक परिणाम को लेकर संगठन में ‘बड़े सुधार’ की वकालत की है। कांग्रेस महासचिव सिंह ने ट्वीट कर कहा, ‘चुनाव परिणाम निराशाजनक हैं, लेकिन अनपेक्षित नहीं हैं। हमने काफी आत्ममंथन किया है और हमें बड़े सुधार की जरूरत है।’ दिग्विजय ने अंग्रेजी में लिखे अपने ट्वीट में कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा, ‘आत्ममंथन बहुत हुआ, अब बड़ी सर्जरी की जरूरत है।’ वहीं उन्होंने यह भी कहा कि नतीजे निराशाजनक जरूर हैं, लेकिन अप्रत्याशित नहीं।

दिग्विजय के सुझाव ऐसे समय में आए हैं, जब कांग्रेस सचिवालय में फेरबदल की बात चल रही है और इस तरह के संकेत हैं कि राहुल गांधी को पार्टी प्रमुख बनाया जा सकता है। ऐसे समय में गांधी परिवार के करीबी और कांग्रेस के बड़े नेता दिग्विजय सिंह का सार्वजनिक मंच से ऐसा बयान मायने रखता है। इस मामले पर जब JD(U) नेता केसी त्यागी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी को सर्जरी की नहीं ‘ओवरऑल सर्जरी’ की जरूरत है।

पढ़ें:

2014 से अब तक कांग्रेस के हाथ से 6 राज्य फिसल चुके हैं

वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कई बार पार्टी लाइन से हटकर बयान दे चुके कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह से सहमत दिखे। उन्होंने चुनाव नतीजों को लेकर टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘आत्म मंथन और चिंतन पर्याप्त किया जा चुका है। क्या यह सही समय नहीं है कि हम ऐक्शन लें?’ हालांकि, इसके बाद उन्होंने स्पष्ट किया कि यह उनके निजी विचार हैं और वह पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता नहीं हैं।

BJP प्रवक्ता जीवीएल नरसिंह राव ने कहा, ‘यह कांग्रेस पार्टी का आंतरिक मामला है, लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस वक्त देश में एक ही नैशनल पार्टी है और वह BJP हैं। कांग्रेस के पास जनाधार वाले नेता नहीं है और सिर्फ एक परिवार की हुकूमत पार्टी पर चलती है।’

दूसरी तरफ, कांग्रेस नेता शकील अहमद ने पार्टी के जख्मों पर मरहम लगाते हुए असम में सत्ता गंवाने के बाद भी पीठ थपथपाई और कहा कि कांग्रेस के पास 822 विधानसभा सीटों में से 115 हैं, जबकि BJP के पास मजह 64।

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button