अंकित सक्सेना मर्डर: वो आखिरी 35 मिनट जब अंकित की हत्या की गई

नई दिल्ली। दिल्ली के ख्याला इलाके में अंकित की हत्या ने समाज के हर उस व्यक्ति को झकझोर कर रख दिया है जो मानवता में यकीन रखता है. विश्वास नहीं होता कि पैर से चीटी दबने पर आह करने वाला इंसान किसी शख्स की उसकी मां के सामने गला रेतकर हत्या कर सकता है. 23 साल के अंकित की हत्या सिर्फ इस बात पर की गई थी क्योंकि वो मुस्लिम धर्म की एक लड़की सलीमा से प्यार करता था. मजहब की ये दीवार आधुनिकता का दंभ भरने वाले हमारे समाज पर बहुत जोर का तमाचा है.

जिस दिन अंकित की हत्या हुई थी उस दिन सलीमा के पिता ने पुलिस को कॉल की और कहा कि उन्होंने उस लड़के को पकड़ लिया है जो उनकी लड़की को छेड़ रहा था. जब पुलिस वहां पहुंची तो देखा कि लड़की की मां के हाथ में खून से सना हुआ चाकू है. लड़की की मां पुलिस के सामने खुद को पीड़ित बताने की कोशिश करती है और यह बताती है कि अंकित ने उनकी बेटी को अगवा कर लिया था और जब हमने उसे छुड़ाने की कोशिश की तो अंकित ने हम पर हमला किया. इसके बाद एक दूसरा कॉल पुलिस के पास आता है जिसमें यह बताया गया कि अंकित की मौत हो चुकी है.

पुलिस ने बताया कि सारी घटना लगभग 35 मिनट में घटी जब लड़की के माता-पिता ने उसे खोजना शुरू किया. हालांकि लड़की ने पुलिस को बताया कि अपनी मां और भाई से नोंकझोंक के बाद उसने 7.45 पर अपना घर छोड़ दिया था और उसने घर का दरवाजा बंद दिया था ताकि उसका भाई पीछा न कर सके.

अब हम आपको उस आखिरी आधे घंटे को सिलसिलेवार ठंग से बता रहे हैं जब अंकित की हत्या की गई.

शाम सात बजकर पचास मिनट

7.50 पर लड़की के पिता घर पर पहुंचते हैं और देखते हैं कि उनकी पत्नी और बेटा घर के अंदर बंद है. उन्होंने ये तय किया कि वे इस बार अपनी बेटी सलीमा को अच्छे तरीके से सबक सिखाएंगे. उन्होंने एक छड़ी उठाई और लड़की को अपने मुहल्ले में खोजने लगें. पिता और उनके साथियों ने देखा कि अंकित मुहल्ले के बाहर ही खड़ा है. उन्होंने आरोप लगाया कि अंकित ने उनकी बेटी को अगवा कर लिया है.

अंकित अपने दो दोस्तों के साथ टैगोर गार्डन मेट्रो स्टेशन की तरफ जा रहा था जहां उसने सलीमा को इंतेजार करने के लिए कहा था. इस बीच अंकित और सलीमा के पिता में काफी बहस होती है और सलीमा के पिता अंकित को कई बार पीटते हैं. जब अंकित के दोस्त उसे बचाने की कोशिश करते हैं तो लड़की के पिता उन पर भी हमला करते हैं.

इस बीच अंकित अपने एक दोस्त से कहता है कि वो जा कर उसकी मां को बुला दे और दूसरे दोस्त को उसने लड़की को मेट्रो स्टेशन से लाने के लिए कहा. अंकित ने लड़की के चाचा को भी बुलाया और सलीमा के पिता से हुई लड़ाई के बारे में बताया. हालांकि लड़की के चाचा ने ही वो चाकू लाया था जिससे अंकित की हत्या की गई थी. तब तक अंकित की मां वहां पहुंच जाती हैं और देखती हैं कि फिर से लड़ाई शुरू हो गई है. इस बीच उसका गला रेत देते हैं. अंकित की मां ये सब देखकर रोती रहती हैं लेकिन आस पास जमा हुए लोग फोटो खींचने में व्यस्त थे. 10 मिनट बाद एक ई-रिक्शा आता है और उन्हें हॉस्पिटल ले कर जाता है.

8:12PM

शाम में आठ बजकर बारह मिनट पुलिस को पहली कॉल आती है जिसमें सलीमा के पिता ये आरोप लगाते हैं कि अंकित उनकी बेटी को छेड़ रहा था और उन्होंने उसे रंगे-हाथ पकड़ लिया है.

8:17PM

आठ बजकर सत्रह मिनट पर पुलिस मौके पर पहुंचती है और सलीमा की मां से पूछताछ करने लगती है. सलीमा की मां को स्थानीय लोगों ने पकड़ रखा था. पुलिस ने बताया कि शुरु में महिला ने अंकित पर ही आरोप लगाना चाहा लेकिन बाद में स्वीकार किया उसके पति और भाई ने ही अंकित की हत्या की है.

8:25PM

पुलिस को आठ बजकर पच्चीस मिनट पर दूसरी कॉल आती है. यह कॉल उस हॉस्पिटल से आती है जहां पर अंकित भर्ती था. डॉक्टर ने पुलिस को बताया कि अंकित की मौत हो चुकी है. आरोपियों को देर रात रोहिनी से पकड़ा गया. ये लोग सहारनपुर भाग जाने कि फिराक में थे. वहीं लड़की के नाबालिग भाई को सुबह में यूपी के एक गांव से पकड़ा गया.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button