अन्ना का विवादित बयान, कहा-रिजर्वेशन से खतरा, देश बंटवारे की ओर जा रहा है

anna3तहलका एक्सप्रेस
जयपुर। मशहूर सोशल एक्टिविस्ट अन्ना हजारे ने राजस्थान के सीकर में रिजर्वेशन जैसे संवेदनशील मुद्दे पर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा, ‘आजादी के बाद रिजर्वेशन कुछ समय के लिए था। लेकिन नेताओं ने इसे वोट पाने का हथियार बना लिया है। आज आरक्षण से देश को खतरा है। इस वजह से देश बंटवारे की ओर जा रहा है।’
बीफ के मुद्दे पर उठाया सवाल
हजारे ने सवाल खड़ा किया, ‘बीफ पर आज ही इतना हो-हल्ला क्यों हो रहा है? इससे पहले क्यों नजर नहीं आया यह मामला।’ उन्होंने कहा, ‘यह सब नेताओं की कारगुज़ारियां हैं, जिससे देश में नफरत का माहौल बने। यह देश के लिए ठीक नहीं है। मोदी सरकार कारोबारियों की हिमायती है।’ हजारे ने कहा कि वर्तमान में सरकार कारोबारियों के हित साध रही है, जबकि किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं।
‘बिहार की किस्मत नहीं बदलने वाली’
हजारे ने कहा कि बिहार की किस्मत नहीं बदलने वाली। चाहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाजपा आए या महागठबंधन। कोई फर्क पड़ने वाला नहीं। सब एक जैसे हैं। इसलिए बिहार को अपनी किस्मत पर ही रहना होगा। बिहार चुनाव से पहले अन्ना हजारे ने राजस्थान के सीकर में यह भविष्यवाणी की।
‘भ्रष्टाचार और आतंकवाद की जड़ें मजबूत’
भ्रष्टाचार के नाम पर आंदोलन चलाकर देश में मशहूर हुए अन्ना हजारे ने कहा कि देश में भ्रष्टाचार की जड़ें बेहद मजबूत हो गई हैं। इसे निकालने के लिए बदलाव बहुत जरूरी है। जिस तरह के बदलाव हो रहे हैं, वे नाकाफी हैं। उन्होंने आतंकवाद की जड़ों को भी बहुत गहरी बताया। उन्होंने कहा कि दोनों मुद्दों पर बड़ा काम करना होगा और जड़ों को मिटाना होगा।

किसी भी पार्टी को देश और जनता की नहीं है फिक्र
अन्ना ने एक सवाल के जवाब में कहा कि देश की स्थिति चिंताजनक है। किसी भी पार्टी को न तो देश की और न ही जनता की चिंता है। ऐसे में जनता को खुद कुछ करना होगा। जनता के पास सबकी चाबी है। कोई मुगालते में नहीं रहे। कोई जीते वह जनता की समस्‍याओं पर ध्यान दें।हजारे ने कहा कि सभी सियासी दलों के नेता केवल नूरा कुश्ती कर देशवासियों को भ्रम में रख रहे है। इनके तीखे बयानों से कोई आज तक कोई घायल नहीं हुआ है, बल्कि राजनेताओं ने लोगों की समस्याओं को मजाक बना लिया है।

व्यक्तिगत चुनाव लड़ने की है व्यवस्था, पार्टी कहां से आ गई
अन्ना ने कहा कि संविधान में पार्टी आधार पर चुनाव लड़ने की कोई व्यवस्था नहीं है। लोकसभा के लिए 25 और राज्‍यसभा के लिए 30 वर्ष उम्र का प्रावधान है। पार्टी आधार पर नहीं, व्‍यक्तिगत चुनाव की व्यवस्था है। 1952 में ही चुनाव आयोग को पार्टी आधार पर चुनाव पर आपत्ति जतानी चाहिए थी।

कल से छेड़ेंगे मतदान जागरूकता अभियान

अन्ना हजारे रविवार से सीकर में वोटिंग को लेकर लोगों को जागरुक बनाने की कोशिश करेंगे। इसमें वे बैलेट पर चुनाव चिह्न हटाने की मांग करेंगे। इसके लिए देश भर में रैलियां की जाएंगी।

 

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