कश्‍मीर में पाकिस्‍तान के एजेंडे को बढ़ा रहे हैं पी चिदंबरम……..

कश्‍मीर मुद्दे पर इस वक्‍त केंद्र की मोदी सरकार का जो रुख है उसकी तारीफ पूरे देश में हो रही है। मोदी सरकार ने कश्‍मीर में इंडियन आर्मी के जवानों को खुली छूट दी हुई है। इंडियन आर्मी ने भी घाटी से आतंकवादियों के सफाए को लेकर ऑपरेशन ऑल आउट चला रखा है। हर दिन आतंकी मारे जा रहे हैं। लेकिन, कांग्रेस को कश्‍मीर पर मोदी सरकार की नियत में खोट नजर आती है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व वित्‍त मंत्री रहे पी चिदंबरम ने एक बार फिर कश्‍मीर मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की है। सरकार के रुख पर सवाल खड़े किए हैं। पी चिदंबरम का कहना है कि कश्‍मीर में कठोर सैन्‍य कार्रवाई के बाद भी वहां पर हालात नहीं सुधर रहे हैं। इस तरह का बयान देकर वो खुद ही घिर गए हैं। भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि पी चिदंबरम और कांग्रेस के दूसरे नेता कश्‍मीर मुद्दे पर पाकिस्‍तान के एजेंडे को बढ़ावा दे रहे हैं। वो जिस तरह की बातें करते हैं उससे सिर्फ और सिर्फ पाकिस्‍तान को ही फायदा मिल सकता है। इसके साथ ही वो इंडियन आर्मी के जवानों को भी हतोत्‍साहित कर रहे हैं।

दरअसल, कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने नए साल से ठीक एक दिन पहले कश्‍मीर के पुलवामा में CRPF कैंप पर हुए आतंकी हमले का हवाला देते हुए कहा कि वक्‍त-वक्‍त पर हमें बड़ी निर्ममता से ये याद दिलाया जाता है कि जम्मू-कश्मीर राज्य से भी जुड़ा एक मुद्दा है। सोशल मीडिया पर अपने बयान को शेयर करते हुए उन्‍होंने लिखा कि इस तरह का वाक्‍या 30-31 दिसंबर की रात को भी हुआ था। जब आतंकवादियों ने पुलवामा के लेथपोरा में सीआरपीएफ के ट्रेनिंग कैंप को अपना निशाना बनाया। पी चिदंबरम ने कहा कि इस हमले सीआरपीएफ के पांच जवान शही हुए और तीन जख्‍मी हो गए। इसके साथ ही पी चिदंबरम ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने कश्‍मीर में वार्ता के लिए आईबी के पूर्व चीफ दिनेश्‍वर शर्मा को विशेष प्रतिनिधि नियुक्‍त किया। लेकिन, बाद तक ये साफ ही नहीं किया कि उन्‍हें करना क्‍या है।

पी चिदंबरम का कहना था कि बाद में सभी को ये बताया कि दिनेश्‍वर शर्मा कश्‍मीर में उन सभी लोगों से बात करेंगे जो उनसे मिलना चाहते हैं। इसके साथ ही पी चिदंबरम ने इंडियन आर्मी की कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए पूछा कि मोदी सरकार की ओर से कहा गया था कि कश्‍मीर में कठोर और सख्‍त सैन्‍य कार्रवाई के चलते घाटी में आतंकवाद का खात्‍मा होगा। लेकिन, क्‍या ऐसा हो पाया। पी चिदंबरम ने मोदी सरकार को सलाह दी है कि समझदारी इसी बात में है कि कश्‍मीर विवाद का हल राजनैतिक तौर पर निकाला जाए ना कि कठोर सैन्‍य कार्रवाई के जरिए। इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि इस मसले में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह की कोशिशों को भी याद किया जाना चाहिए। सभी पक्षों को साथ लेकर इस विवाद का हल निकाला जाना चाहिए। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने पी चिदंबरम के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है।

बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्‍हा ने पी चिदंबरम के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि उन्‍हें शर्म आनी चाहिए। उन्‍होंने पी चिदंबरम के बयान की तुलना आपदा से की। जीवीएल नरसिम्‍हा का कहना है कि कश्‍मीर में हमारी फौज बहुत ही अच्‍छा काम कर रही है। उसकी सराहना होनी चाहिए। लेकिन, कांग्रेस के नेता पाकिस्‍तान को एजेंडे को आगे बढ़ाने में जुटे हैं। इसके साथ ही बीजेपी के राष्‍ट्रीय प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्‍हा ने कांग्रेस पार्टी और पी चिदंबरम से सवाल किया है कि क्या उनकी पार्टी के नेताओं ने कभी हमारे सैनिकों को मारने वाले पाकिस्तान की आलोचना की है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस आलोचना करना तो दूर हमारे सैनिकों के हत्‍यारों को अपने यहां डिनर पर बुलाती है। उन्‍हें दावत दी जाती है। उसके बाद ये लोग देश के सामने फर्जी चिंता व्‍यक्त करते हैं। कांग्रेस का ये कृत्‍य घोर निंदलीय है।

 

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