राहुल गांधी का अखिलेश मोह भंग हुआ, बात हुई पर बात बनी नहीं
लखनऊ। लग रहा है कि राहुल गांधी का अखिलेश यादव पर से भरोसा उठ गया है। हाल ही में जो कुछ हुआ है, उससे तो ये ही लगता है। दरअसल अखिलेश ने ईवीएम विरोध के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। उम्मीद थी कि इस बैठक में अलग अलग दलों के कई लोग शामिल होंगे। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। दरअसल अखिलेश ने फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव को देखते हुए तमाम विपक्षी दलों की एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक के जरिए सभी दलों को एकजुट करने की कवायद थी। जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट के कार्यालय में इस बैठक का आयोजन किया जाना था। लेकिन अखिलेश को हैरानी तब हुई जब इस बैठक में बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस की ओर से किसी ने भी इसमें हिस्सा नहीं लिया।
लेकिन इस बीच सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर कांग्रेस की ओर से कोई इस बैठक में शामिल होने के लिए क्यों नहीं आया ? आपको बता दें कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। इस बैठक में कांग्रेस द्वारा शिरकत ना होने की वजह से कयासों का बाजार भी गर्म हो गया है। अब कुछ लोग तो ये भी कह रहे हैं कि कांग्रेस का समाजवादी मोह भंग हो गया है। अब आपको ये भी बता देते हैं कि आखिर इस मीटिंग में कौन कौन मौजूद रहे। इस बैठक में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के मौजूद रहे। अखिलेश के अलावा विधानमंडल दल के नेता राम गोविंद चौधरी, आजम खां और अहमद हसन भी इसमें मौजूद रहे।
इसके साथ ही राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद भी इसमें मौजूद रहे। जेडीयू शरद गुट के सुरेश निरंजन और एनसीपी के रमेश दीक्षित इस मीटिंग में शामिल हुए। आरजेडी की तरफ से अशोक सिंह और बीएसपी से निष्कासित विधान परिषद सदस्य नसीमुद्दीन सिद्दीकी भी इस बैठक में शामिल हुए। लेकिन इस बैठक में कांग्रेस की तरफ से किसी नेता का शिरकत ना करना बड़े सवाल खड़े कर रहा है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद से यूपी में गोरखपुर और फूलपुर की सीट खाली हुई है।
इन दोनों सीटों पर 22 मार्च से पहले चुनाव कराए जाने हैं। खबर तो ये भी है कि फरवरी में होने वाले 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव के साथ ही यहां भी उपचुनाव हो सकते हैं। इसके लिए अखिलेश ने ईवीएम को लेकर एक मीटिंग बुलाई थी। कहने को ये सर्वदलीय मीटिंग थी लेकिन इस मीटिंग से कुछ ऐसी बातें निकलकर सामने आई हैं, जो साबित कर रही हैं कि राहुल गांधी का अखिलेश से मोह लगातार घट रहा है। हालांकि राहुल और अखिलेश पहले भी कह चुके हैं कि ये गठबंधन जारी रहेगा। अब सवाल ये है कि इस असफल सर्वदलीय बैठक के बाद क्या अखिलेश कांग्रेस पर निशाना साधेंगे ? देखना दिलचस्प होगा।
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