गोखरपुर घटना को लेकर डिफेंसिव मोड में योगी सरकार, ये दलीलें दे रहे हैं सूबे के मंत्री

लखनऊ। गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में पिछले 6 दिनों से भीतर 63 मासूम बच्चों की मौत के बाद घमासान मच गया है. गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज 69 लाख रुपये का भुगतान ना होने की वजह से ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म ने ऑक्सीजन की सप्लाई गुरुवार की रात से ठप कर दी थी. इसके बाद यहां ऑक्सीजन की कमी से 63 बच्चों ने दम तोड़ दिया, हालांकि अस्पताल प्रशासन ने ऑक्सीजन की कमी की बात से इनकार किया है.

यूपी सरकार के मंत्री में इसे सरकारी लापरवाही का मामला नहीं मान रहे हैं. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने गोरखपुर की घटना पर कहा है कि विपक्षी हड़बड़ी में है और प्रदेश की सरकार जनता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि दोषियों के खिलाफ यूपी सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी. यूपी सरकार में मंत्री आशुतोष टंडन का कहना है कि सीएम योगी पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं, उन्होंने मुझसे और स्वास्थ्य मंत्री से जानकारी भी मांगी है. टंडन ने कहा कि हमने गोरखपुर से लौटकर सीएम को पूरे मामले की रिपोर्ट देंगे.

वहीं सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह की अस्पताल प्रशासन के साथ बैठक की है. उन्होंने कहा कि विपक्ष को बच्चों की मौत पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने भी यूपी सरकार से मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल को गोरखपुर का दौरा कर मामले की जानकारी लेने के निर्देश दिए हैं. विपक्ष इस पूरे मामले को लेकर यूपी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल गुलाम नबी आजाद की अगुवाई में गोरखपुर पहुंचा और पीड़ितों से मुलाकात की.

यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा है कि योगी सरकार मामले की सच्चाई छिपा रही है. उन्होंने आरोप लगा कि मृतक बच्चों का पोस्ट मार्टम किए बिना ही परिजनों को शव सौंप दिए गए ताकि सच सामने ना आ सके. अखिलेश यादव सरकार से पीड़ित परिजनों को 20-20 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग की है. यूपी की पूर्व सीएम और बीएसपी चीफ मायावती ने गोरखपुर की घटना पर कहा है कि यूपी सरकार की जितनी निंदी जाए उतनी कम है.

 

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