‘…तो क्या राज्यपाल को सौंपी लिस्ट में कांग्रेस ने विधायकों के किए फर्जी हस्ताक्षर?’

भाजपा का कांग्रेस पर आरोप, कर्नाटक में सरकार का दावा पेश करने के लिए राज्यपाल को सौंपी लिस्ट में कांग्रेस ने अपने विधायकों से कराए फर्जी हस्ताक्षर।

बेंगलुरु। कर्नाटक की कुर्सी पर छिड़ी जंग को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच बयानबाजी का दौर चरम पर है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राज्यपाल वजुभाई वाला को सौंपी गई लिस्ट में कांग्रेस ने अपने ही कई विधायकों के फर्जी हस्ताक्षर किये हैं।

कांग्रेस पर फर्जी हस्ताक्षर करने का लगाया आरोप

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि किसी को भी ये समझ नहीं आ रहा है कि विधायकों के बेंगलुरु पहुंचने और विधायक दल की बैठक में शामिल होने से पहले कांग्रेस ने सभी के हस्ताक्षर कैसे ले लिए? उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए फर्जी हस्ताक्षर करना और दस्तावेज तैयार करना कोई नई बात नहीं है। मणिपुर में जब खंडित जनादेश आया था, तब भी कांग्रेस ने मणिपुर पीपुल्स पार्टी के समर्थन का एक फर्जी पत्र सौंपा था। कांग्रेस पार्टी ने इसमें जालसाजी की थी। जावड़ेकर ने कहा कि जैसा मणिपुर में कांग्रेस ने किया वैसा ही कर्नाटक में किया। कांग्रेस अब जालसाजी शब्द की पर्याय बन गई है।

राज्यपाल का किया बचाव 

राज्यपाल वजुभाई का बचाव करते हुए जावड़ेकर ने कहा कि उन्होंने नियमों का पालन किया, क्योंकि कर्नाटक में कोई पूर्व चुनाव गठबंधन नहीं था। कांग्रेस और जेडीएस चुनाव में एक-दूसरे के खिलाफ थे। बता दें कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राज्यपाल ने भाजपा को राज्य में सरकार बनाने का न्योता दिया, जिसका कांग्रेस-जेडीएस ने विरोध किया है।

जेडीएस को लेकर राहुल पर बरसे

जावड़ेकर ने कहा, ‘कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जेडीएस को भाजपा की ‘बी’ टीम बोलते थे। उन्होंने कहा था कि जेडीएस का अर्थ ‘जनता दल संघ परिवार’ के अलावा कुछ भी नहीं है। अब वे गठबंधन बनाने की कोशिश में जुटे हैं, ये सिर्फ एक अवसरवादी कदम है।’ उन्होंने कहा कि राज्यपाल का सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का न्योता देना और विधानसभा में बहुमत साबित करने का मौका देना बिल्कुल सही फैसला है।

विधायकों को रिजॉर्ट में कैद करना दुखद

जावड़ेकर ने कहा कि यह दुखद है कि कांग्रेस ने अपने विधायकों को रिजॉर्ट में कैद कर रखा है। उन्हें अपने परिवार वालों से संपर्क भी साधने से मनाही है और यहां तक कि न्यूज चैनल देखने की भी अनुमति नहीं दी गई है। रायपुर में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की टिप्पणी (न्यायपालिका को दबा दिया गया था ) का जिक्र करते हुए जावड़ेकर ने उन्हें 1975 में आपातकाल के काले दिनों की याद दिलाई। उन्होंने कहा, ‘बसे बड़ी और पुरानी पार्टी ने न केवल न्यायिक व्यवस्था को उलट दिया था, बल्कि प्रेस की आजादी को भी दबा दिया था। अपने पापों की माफी मांगने के बजाय कांग्रेस नेता झूठी धारणा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

 

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