दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन की साजिश से आसियान देश खफा, कहा- भरोसा खत्म, तनाव बढ़ा

सिंगापुर। चीन अपनी विस्तारवादी और आक्रामक नीति के चलते अपने पड़ोसी देशों का ही दुश्मन बन गया है. इसके चलते दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में तनाव गहराने का खतरा मंडरा रहा है. आसियान देशों ने इसके साफ संकेत भी दिए हैं. मंगलवार को आसियान के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने कहा कि दक्षिण चीन सागर में चीन की लगातार दावेदारी से दावेदारों के बीच भरोसा खत्म हुआ है, जिसके चलते क्षेत्रीय तनाव बढ़ सकता है.

सिंगापुर में एक दिवसीय बैठक के एक दिन बाद 10 सदस्यीय दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) ने चीन के खिलाफ इस बाबत बयान जारी किया है. हालांकि इसमें चीन का नाम साफ तौर पर शामिल नहीं किया गया है, लेकिन उनके निशाने पर चीन ही है. दरअसल, चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा जताता है. वह छोटे टापुओं को द्वीपों में बदल रहा है और वहां सैन्य सुविधाएं और उपकरण लगा रहा है.

मालूम हो कि आसियान के सदस्य मलेशिया, ब्रुनेई, फिलीपीन, वियतनाम और ताईवान भी दक्षिण चीन सागर पर अपना-अपना दावे जताते हैं. सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन ने कहा कि दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीन की गतिविधियों और भूमि पर फिर से दावेदारी पर कुछ मंत्रियों की ओर से जताई गई चिंता पर गौर किया गया. उन्होंने कहा कि दक्षिण चीन सागर विवाद को लेकर क्षेत्र में भरोसा खत्म हुआ और तनाव बढ़ा है, जिससे शांति, सुरक्षा और स्थिरता प्रभावित  सकती है.

अमेरिकी थिंक टैंक ने उपग्रह से प्राप्त नई तस्वीरों में विवादित द्वीपों पर रडार और अन्य उपकरण तैनात किए जाने की तस्वीरें जारी की थी, जिसके बाद दिसंबर में चीन ने वहां निर्माण को ‘सामान्य’ बताकर अपनी गतिविधि को सहगी ठहराने की नाकाम कोशिश की थी. भारत और अमेरिका भी दक्षिण चीन सागर पर चीन के निर्माण के खिलाफ हैं.

 

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