देशद्रोह : “पाकिस्‍तान के लिए काम कर रहा था सपा सांसद चौधरी मुनव्‍वर सलीम का PA”

नई दिल्ली। पाकिस्‍तान हाई-कमीशन जासूसी कांड में दिल्‍ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अदालत के भीतर अपनी चार्जशीट दायर कर दी है। जिसमें कई सनसनीखेज खुलासे किए गए हैं। चार्जशीट में बताया गया है कि समाजवादी पार्टी के राज्‍यसभा सांसद चौधरी मुनव्‍वर सलीम का निजी सहायक फरहत खान पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रहा था। वो पाकिस्‍तान को देश की महत्‍वपूर्ण जानकारियां हासिल कराता था। क्राइम ब्रांच ने इस मामले में फरहत खान समेत चार लोगों के खिलाफ चार्जशीट पेश की है। पुलिस की चार्जशीट में बताया गया है कि आरोपियों के पास से भारतीय सैन्य ठिकानों से जुड़ी कई गोपनीय और महत्‍वपूर्ण जानकारियां मिली थीं। जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान सीमा से सटे इलाके में खुद को हिंदुस्‍तान से ज्‍यादा मजबूत करने के लिए कर सकता था।

क्राइम ब्रांच ने अपनी चार्जशीट में सलीम समेत कुल 12 लोगों को बतौर गवाह बनाया है। इस जासूसी कांड में पाकिस्तानी हाई कमिशन के कर्मचारी मोहम्मद अख्तर के खिलाफ दिल्‍ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल नहीं की है। दरसअल, मोहम्‍मद अख्‍तर को राजनयिक छूट मिली हुई है। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद मुनव्‍वर सलीम के पीए फरहत खान को क्राइम ब्रांच के ज्‍वाइंट कमिश्नर रविन्द्र यादव के नेतृत्व वाली टीम ने 26 अक्टूबर 2016 को दिल्ली के चिड़ियाघर से गिरफ्तार किया था। फरहत खान की गिरफ्तारी उस वक्‍त हुई थी जब वो यहां पर तीन भारतीय एजेंट के साथ गोपनीय जानकारियां साझा कर रहा था। उसी वक्‍त क्राइम ब्रांच ने इसे रंग हाथों धरदबोचा था। इस केस में कई लोगों से पूछताछ भी हुई थी।

उस वक्‍त क्राइम ब्रांच ने फरहत खान के अलावा मौलाना रमजान खान, सुभाष जांगिड़ और साहेब हुसैन को भी अरेस्‍ट किया था। इन सभी लोगों के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई है। क्राइम ब्रांच की 19 पेज की चार्जशीट में इन सभी आरोपियों पर IPC की धारा 3 और 9 के तहत और 120 बी यानी आपराधिक षडयंत्र के तहत आरोप लगाए गए हैं। चार्जशीट में रमजान खान से हासिल किए गए दस्तावेज की जानकारी को भी चार्जशीट का हिस्‍सा बनाया गया है। रमजान खान के पास से भारतीय सैन्य ठिकानों से जुड़ी कई गोपनीय जानकारियां मिली थीं। चार्जशीट में बताया गया है कि रमजान के पास से जो जानकारी मिली थी। उसमें सर क्रीक बॉर्डर पर इंडियन आर्मी की तैनाती और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल की कई महत्‍वपूर्ण जानकारियां थीं।

ये जानकारियां पाकिस्‍तान के हाथ में जाने से भारतीय सैनिकों की जान को खतरा हो सकता था। इस महत्‍वपूर्ण और गोपनीय दस्तावेज के जरिए पाकिस्तान युद्ध के दौरान अपनी तैनाती को और मजबूत कर भारतीय सेना पर बढ़त बना सकता था। इसके अलावा चार्जशीट में पाकिस्तान के हाई कमिशन के कर्मचारी मोहम्‍मद अख्तर की ओर से किए गए कई बड़े खुलासों का भी जिक्र किया गया है। चार्जशीट में बताया गया है कि मोहम्‍मद अख्तर पाक हाई कमिशन में ISI के खुफिया विंग के प्रमुख सैयद फारुख को रिपोर्ट करता था। अख्तर पाकिस्तानी सेना की 40 वीं बलूच रेजीमेंट में हेड कांस्टेबल था। बाद में उसे ISI में भेज दिया गया था। यहां से ट्रेनिंग के बाद उसे भारत में जासूसी का जिम्‍मा सौंपा गया था।

 

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