पत्रकार का दावा, अखिलेश के बंगले में लगा था 21 करोड़ का फर्नीचर, सपा बोली-बिल दिखाओ

नई दिल्ली/लखनऊ। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सरकारी बंगला खाली करने के दौरान बंगले में तोड़फोड़ का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का कहना है कि उनके बंगले में अकेले 21 करोड़ का फर्नीचर लगा हुआ था जिसे वो उठा ले गए. सपा का कहना है कि आरोप लगाने की जगह बिल दिखाया जाए.

आजतक पर बुधवार को प्रसारित हुए ‘दंगल’ कार्यक्रम में बहस के दौरान वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान ने कहा कि यह फैक्ट है कि उस बंगले में जिस कदर पैसा खर्च किया गया, उस पर अखिलेश यादव को बहुत बुरा लगता था जब कोई इस बंगले के बारे में सवाल पूछता था.

शरत ने कहा, ‘मैंने 22 फरवरी को व्यक्तिगत तौर उनसे सवाल किया था कि आप मायावती पर आरोप लगाते रहे हो कि उन्होंने 13 ए, माल एवेन्यू रोड पर स्थित अपने बंगले पर 100 करोड़ खर्च कर दिया और आप खुद इस बंगले पर 60-70 करोड़ खर्च कर दिए, इस पर अखिलेश ने कई अन्य लोगों की मौजूदगी में जवाब दिया कि 100 करोड़ नहीं हजार करोड़ खर्च किया है बंगले में, अब तक हम हट गए हैं जो करना है कर लो.’

‘ 21 करोड़ रुपये का फर्नीचर’

शरत ने कहा कि उस बंगले में संपति विभाग ने 42 करोड़ खर्च किए थे, साथ ही अन्य विभागों ने भी पैसा लगाया. उसमें जो फर्नीचर लगा था और जो फर्निशिंग हुई थी, अकेले उसकी ही बिलिंग 21 करोड़ की थी जो एक सरकारी विभाग ने खर्च किया, उसे भी वो साथ उठाकर ले गए. शरत के आरोप पर समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता सपा की जूही सिंह ने कहा कि यह आरोप साबित करना होगा कि कौन से विभाग ने इसका भुगतान किया. इस पर शरत ने कहा कि बिल को उन्होंने अपनी आंखों से देखा है. कार्यक्रम में जूही सिंह बार-बार यह कहती रहीं कि विभाग के नाम का खुलासा करें कि कौन से विभाग ने यह भुगतान किया. आपको साबित करना होगा.

साथ ही जूही सिंह ने पत्रकार के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें आरोप में बिल भी दिखाना चाहिए. महज आरोप लगाना सही नहीं है.

इसी शो में हुई यह बहस-

राज्यपाल पर भड़ास

इससे पहले, पूरे प्रकरण पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बुधवार को आक्रामक अंदाज में नजर आए. वह अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में योगी सरकार, राज्यपाल राम नाईक और अन्य अधिकारियों पर बरसे. उन्होंने सबसे पहले राज्यपाल पर अपनी भड़ास निकालते हुए कहा, ‘गवर्नर साहब अच्छे आदमी हैं. उन्हें संविधान के हिसाब से बोलना चाहिए, लेकिन कभी-कभी उनके अंदर आरएसएस की आत्मा आ जाती है तो क्या करें.’

उनका यह बयान बंगले में तोड़फोड़ मामले पर राज्यपाल की ओर से कार्रवाई करने के लिए योगी सरकार से सिफारिश करने के बाद आया है.

 

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