पाक PM के ‘साहेब’ हाफिज सईद की चमड़ी उधेड़ेगी UN सिक्योरिटी काउंसिल की स्पेशल टीम
संयुक्त राष्ट्र अमेरिका। पाकिस्तान का आतंकवाद से पुराना नाता रहा है। तमाम विरोध के बाद भी यहां के हुक्मरान आतंकी सरगनाओं को खुलेआम संरक्षण देते हैं। पाकिस्तान इन आतंकी संगठनों का इस्तेमाल अफगानिस्तान और हिंदुस्तान के खिलाफ करता रहा है। पाकिस्तान की आतंक परस्ती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां के प्रधानमंत्री भी आतंकी सरगना हाफिज सईद को साहेब कहकर बुलाते हैं। लेकिन, पाकिस्तान की इसी नरमी पर अब अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र संघ गरम हो गया है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने अब लश्कर-ए-तैयबा के चीफ और जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद की चमड़ी उधेड़ने की तैयारी शुरु कर दी है। यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की स्पेशल टीम पाकिस्तान और हाफिज सईद के झूठ से पर्दाफाश करेगी। वो भी पाकिस्तान में घुसकर। जानकारी के मुताबिक भारत और अमेरिका की सख्ती के बाद अब यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की स्पेशल टीम जल्द ही पाकिस्तान जाने वाली है।
यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की ये टीम पाकिस्तान में इस बात का पता लगाएगी कि पाक सरकार ने आतंकी सरगना हाफिज सईद के खिलाफ क्या कार्रवाई की है और उसके संगठनों के खिलाफ क्या पाबंदी लगाई गई हैं। इससे पहले पाकिस्तान दावा कर चुका है कि उसने हाफिज सईद के संगठनों के खिलाफ तमाम बंदिशे लगा रखी हैं। हालांकि अभी हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी का एक बयान सामने आया था। जिसमें वो हाफिज सईद को साहेब बोलकर संबोधित कर रहे थे। शाहिद खाकन अब्बासी का कहना था कि हाफिज साहेब पर पाकिस्तान में कोई केस नहीं है। ऐसे में उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। इन्हीं सारी बातों को ध्यान में रखते हुए ही यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की टीम ने पाकिस्तान जाने का मन बनाया है। बताया जा रहा है कि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की सैक्शन्स मॉनिटरिंग टीम पाकिस्तान जाकर पूरी पड़ताल करेगी।
दरअसल, जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी का हाफिज सईद को लेकर बयान सामने आया था उससे कुछ ही दिनों पहले पाक सरकार ने दावा किया था कि उसने हाफिज के संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के चंदा उगाही पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही इस संगठन के पब्लिक प्रोग्रामों पर भी रोक लगा दी थी। तब पाक सरकार ने कहा था कि जो भी शख्स या संगठन इन संगठनों को चंदा देता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जबकि पाक पीएम कहते हैं कि उनके पास हाफिज सईद के खिलाफ कोई सबूत ही नहीं हैं। यानी पाक सरकार की कार्रवाई और प्रधानमंत्री के बयान में विरोधाभास है। जिसे दूर करने के लिए यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की टीम पाकिस्तान पहुंच रही है। जाहिर है ऐसे में ना सिर्फ पाक सरकार की मुश्किलें बढ़ेगी बल्कि हाफिज सईद पर भी संकट गहराएगा।
वैसे भी अमेरिका पहले से ही हाफिज सईद पर एक करोड़ डॉलर का इनाम रख चुका है। लेकिन, अमेरिकी इनाम और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के बाद भी हाफिज पाकिस्तान में खुलेआम रहता है और अपने आतंकी संगठनों को चलाता है। उसने कई फर्जी नामों से संगठन भी खोल रखे हैं। जिन पर कोई बंदिशे नहीं हैं। इन संगठनों के जरिए वो ना सिर्फ धन उगाही करता है बल्कि भारत और अमेरिका के खिलाफ जंग छेड़ने की तैयारी में भी जुटा रहता है। इस बीच अमेरिका को खबर मिली है कि पाकिस्तान सरकार खुद चाहती है कि वो हाफिज के संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को स्टॉक मार्केट में रजिस्टर करे। इसके बाद से ही अमेरिका और भारत ने पाकिस्तान पर दवाब बढ़ाना शुरु कर दिया था। साल 2008 में हाफिज सईद के खिलाफ यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में रिजूल्यूशन पास किया जा चुका है। लेकिन, पाक हमेशा से हाफिज को बचाने की कोशिश में रहा है।
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