बुलंदशहर : किससे कहें आपबीती, जब रक्षक ही राक्षस बना हुआ है!

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में बड़ा माला सामने आया है। यहाँ जनता की सुरक्षा में तैनात की जाने वाली खाकी वर्दी अपने ही थाने की महिला की इज्जत की दुश्मन बन गई। यहाँ थानेदार ने महिला की इज्जत की लुटरी बन गयी।

बीजेपी सरकार ने ‘बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ’ का नारा दिया था। इतना ही नहीं एंटी रोमियों दल तक बनाया ताकि महिलाये लड़कियां बिना भय और डर के आगे बढे. पर बुलंदशहर की घटना ने सवाल खड़ा कर दिया है कि ऐसे ही रहा तो कैसे बढ़ेंगी बेटियां ??

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में बड़ा मामला सामने आया है। यहाँ जनता की सुरक्षा में तैनात की जाने वाली खाकी वर्दी अपने ही थाने की महिला की इज्जत की दुश्मन बन गई। बुलंदशहर थाने में  महिला सिपाही की इज्जत का लुटेरा कोई और नहीं बल्कि थानेदार ही निकला।

मामला तो खुद पुलिस विभाग के अंदर का ही है

चाहे योगी सरकार के एंटी रोमियो दल के मनोहर दावें हो या खुद उत्तर प्रदेश पुलिस के आपकी सेवा में 24 घंटे तत्पर आपकी पुलिस मित्र वाले खोखे दावें इन सब की पोल इस मामले ने खोल कर रख दी है। क्योकि ये सब मनोहर दावे और कहनियाँ तो एक आम महिला और लड़कियों के लिए होती है पर ये मामला तो खुद पुलिस विभाग के अंदर का ही है।  जब खुद खाकी वर्दी  ही महिला सिपाही की सुरक्षा नहीं कर पा रही और उसकी इज़्जत को तार तार कर रही है।

थानेदार सिपाही की लिपिस्टिक,बॉडीशेप पर भी अभद्र कमेंट भी करता था

इतना ही नहीं थानेदार ने सिपाही को कोम्प्रोमाईज़ करने को भी मजबूर किया। महिला और जनता की पुलिस सुरक्षा में 24 घंटे सेवा में तत्पर का सन्देश देने वाली पुलिस अपने ही थाने की महिलाओं को सुरक्षा नहीं दे पा रही है। थाने में तैनात सिपाही के साथ पहले तो रेप किया उसके बाद कोम्प्रोमाईज़ करने के लिए धमकाने लगा।  इतना ही नहीं थानेदार सिपाही की लिपिस्टिक,बॉडीशेप पर भी अभद्र कमेंट भी करता था।

विरोध करने पर देता था धमकी

सरेआम महिला सिपाही से छेड़छाड़ करता था। अपने दोस्तों से दोस्ती करने का दबाव बनाया करता था। जब महिला सिपाही विरोध करती थी तब उसे जान से मारने की धमकी देता था। इतना ही नहीं सिपाही की दोस्त को थानेदार ने जेल भेजा। कोम्प्रोमाईज़ न करने पर 3 सिपाही प्रताड़ित करने का आरोप है। थानेदार सचिन मलिक पर है एसएसपी की कृपा भरपूर बरस रही है। तभी तो 3 बेकसूर सिपाहियों पर कार्रवाई कराई गई है। जबकि सिपाहियों की शिकायतों पर कोई कार्रवाई नही हो रही है।गुलावठी थानेदार बुलेटप्रूफ गाड़ी में चलता है। साथ ही थानेदार पीड़ित सिपाही पर समझौते दबाब का बना रहा है।

 

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