यूपी चुनाव 2017 : बीजेपी के पास है यह फॉर्मूला, बताएगी अबकी बार क्यों न बने सपा-बसपा सरकार

नई दिल्ली। बीजेपी ने यूपी में बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान शुरू कर दिया है. पार्टी की चुनावी टीम ने प्रचार के हर संभव माध्यम का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. दिल्ली और लखनऊ में बीजेपी के चुनावी मुख्यालयों पर प्रचार सामग्री को अंतिम रूप दिया जा रहा है. बीजेपी के चुनावी अभियान का पूरा जोर परिवर्तन पर है. साथ ही बीजेपी यूपी के मतदाताओं को यह भी बता रही है कि उन्हें इस बार सपा या बसपा सरकार के बजाए भाजपा सरकार क्यों बनानी चाहिए. सपा परिवार में मचे घमासान को भी बीजेपी ने अपने चुनाव अभियान का हिस्सा बनाने का फैसला किया है.

खामिया गिनाने से शुरू होगा दौर
बीजेपी के चुनाव अभियान का पहला दौर सपा-बसपा की खामियां गिनाने से शुरू हो रहा है. पार्टी के रणनीतिकारों के मुताबिक इसे नकारात्मक अभियान कहा जा रहा है क्योंकि पहले मतदाताओं को यह बताना जरूरी है कि पिछले चौदह साल में सपा या बसपा सरकार के रहते राज्य को किस हद तक नुकसान हुआ है. इसके बाद बीजेपी धीरे-धीरे सकारात्मक अभियान शुरू करेगी, जिसमें लोगों को बताया जाएगा कि पिछले ढाई साल में मोदी सरकार ने आम लोगों की भलाई के लिए क्या-क्या कदम उठाए हैं और जब राज्य में कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार थी तब उसकी क्या कामयाबियां थीं.

रणनीति कुछ इस तरह होगी

बीजेपी ने यूपी चुनाव के लिए परिवर्तन की थीम को आगे बढ़ाने के लिए ‘परिवर्तन लाएंगे, कमल खिलाएंगे’ का नारा देने का फैसला किया है, जबकि सपा पर भूमि कब्जा, नारियों पर अत्याचार, हर रोज हत्या और अपहरण के आरोप लगाने के लिए सपा को शासन को ‘गुंडा राज’ कहा जाएगा. इसी तरह ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए घूस लेने और घोटालों का अंबार लगाने के आरोप बीएसपी पर लगाते हुए उसकी सरकार को ‘भ्रष्ट सरकार’ बताया जा रहा है. इसके लिए न गुंडा राज न भ्रष्टाचार, अबकी बार भाजपा सरकार’ का नारा दिया जा रहा है.

लोकसभा चुनाव में बीजेपी का नारा- ‘अबकी बार, मोदी सरकार’, बहुत लोकप्रिय हुआ था. राज्य में बीजेपी ने किसी भी नेता को मुख्यमंत्री उम्मीदवार न बनाने का फैसला किया है इसलिए पार्टी का नारा है- ‘अबकी बार, भाजपा सरकार’. इसी की तर्ज पर यूपी में बीजेपी का सपा-बसपा विरोधी चुनाव अभियान उनकी सरकारों की बात कर रहा है. पार्टी के नारे हैं – “गुंडा गर्दी के ठेकेदार, नहीं चाहिए सपा सरकार. ‘बाप-बेटे के ड्रामे हजार, नहीं चाहिए सपा सरकार.’ जबकि बीएसपी के खिलाफ बीजेपी के नारे कुछ इस तरह हैं- ‘जिसमें घोटालों की भरमार, नहीं चाहिए बीएसपी सरकार’. ट्रांसफर-पोस्टिंग से कमाया अपार, नहीं चाहिए बसपा सरकार.’

बीजेपी ने यूपी की अखिलेश सरकार को ऐसी सरकार के रूप में प्रचारित करने का फैसला किया है जिसने आम लोगों के लिए कुछ नहीं किया. मध्य प्रदेश में भी बीजेपी ने दिग्विजय सिंह सरकार के खिलाफ ही फार्मूला अपनाया था. तब बीजेपी ने उन्हें ‘श्रीमान बंटाधार’ के रूप में पेश किया था, जबकि यूपी में बीजेपी अखिलेश सरकार को ‘निठल्ली सरकार’ बता रही है. इसके लिए बीजेपी ने अलग-अलग वर्गों की उपेक्षा करने के लिए अखिलेश सरकार को आड़े हाथों लिया है और सबके लिए अलग-अलग नारे बनाए हैं. किसानों की बदहाल के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार बताते हुए बीजेपी का नारा है- ‘क्यों यूपी का किसान है बदहाल, उखाड़ फेंको ऐसी निठल्ली सरकार’.

 

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