ये देश मुस्लिमों द्वारा मासूम हिन्दु नवयुवकों की हत्या के बारे में कब बात करेगा?

आजकल सोशल मीडिया पर एक औडियो क्लिप बहुत वायरल हो रहा है जिसमें रेडियो मिर्ची के ‘आर जे नावेद’ एक गायनोकोलॉजिस्ट को फ़ोन करके बताते है कि उनकी पत्नी चार महीने की गर्भवती है। चूँकि गर्भ में लड़की है इसलिये वो गर्भपात करवाना चाहते हैं। ये सुनकर महिला डॉक्टर बहुत क्रोधित हो जाती है और नावेद को जेल भेजने की धमकी देती है। अगले क्षण नावेद अपनी असलियत ज़ाहिर करते हुऐ बताते है कि दिल्ली में आठ महीने की बच्ची के साथ अमानवीय बलात्कार हुआ है। आज के माता पिता अपनी बच्चियों को गर्भ में इसलिये मार देंगे ताकि पैदा होने पर उसका बलात्कार ना हो। उसके बाद आर जे नावेद बहुत चालाकी से सेक्युलरिजम कार्ड खेलते हुऐ कहते हैं: “बलात्कार के बारे में कोई बात नहीं करता, तुम लोग धर्म के नाम पर लड़ते रहो।” अंत में आर जे नावेद जी कहते है “भीड़ ले जाकर बलात्कारी को सबक़ सिखाओ।”

दिल्ली में एक आठ महीने की फूल सी बच्ची के साथ उसके कज़िन भाई ने ही उसका बलात्कार कर दिया। बलात्कारी इंसान के रुप में कोई राक्षस ही होगा जिसने ऐसे अमानवीय घृणित दुष्कर्म किये। बच्ची अस्पताल में ज़िंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है। इस पूरे दुष्कर्म के बारे में पढ़कर रूह काँप जाती है। एक सेक्स अडिक्ट भी एक आठ महीने की फूल सी बच्ची को स्पर्श करने की नहीं सोच सकता। समाज को ज़रूरत है कि अपने बीच ही पल रहे ऐसे भेड़िये के हाव भाव को पहचाने, और सावधानी बरते।

आर जे नावेद जी, अगर भीड़ को सबक़ सिखाना ही है तो सबसे पहला सबक़ बॉलीवुड को सिखाना चाहिये। क्योंकि बॉलिवुड की  फ़िल्मों में औरतों को सिर्फ़ एक भोग की वस्तु की तरह पेश किया जाता है। हीरो बहुत ही गर्व से हीरोईन का पीछा करता है, उसके साथ छेड़छाड़ करता है, ज़रूरत पड़े तो बलात्कार करने से भी पीछे नहीं हटता। ये समझाने की ज़रूरत नहीं है कि बॉलीवुड की फ़िल्में कैसे आज के युवाओं के दिल और दिमाग़ पर गहरा असर डालती है। क्या आपने कभी बॉलीवुड के इस पाखंड पर कभी सवाल उठाया?

कास्टींग काऊच जिसमें एक निर्माता या निर्देशक हेरोईन को अपनी फ़िल्म में काम देने के लिये हमबिस्तर होने के लिये कहता है, ये बॉलीवुड का ओपन सीक्रेट सच है, जानते सब हैं, लेकिन खुलकर बात कोई नहीं करता है। कांस्टींग काऊच को देखकर ये नहीं लगता कि फ़िल्में बननी बंद हो जाऐगी? आर जे नावेद कास्टींग काऊच जैसे संगीन मुद्दे पर कब बात करोगे?

इस 3 मिनट 27 सेकेंड के औडियो क्लिप में नावेद बहुत ही चालाकी छद्म सेक्युलरिज्म का कार्ड खेलते हुए कहते है कि लोग धर्म के नाम पर लड़ते हैं, लेकिन बलात्कार के उपर कोई बात नहीं करता।

असल में आर जे नावेद ये संदेश देना चाहते हैं कि “अगर दादरी में अख़लाक़ की हत्या हो जाऐ तो सेक्युलर को संपूर्ण भारतवर्ष को इनटौलरन्ट (असहिष्णु) कहकर अंतरराष्ट्रीय जगत में बदनाम करने का पूरा हक़ है।” लेकिन जब चंदन की निर्मम हत्या कासगंज में तिरंगा फहराने और वंदे मात्तरम गाने के जुर्म में मुस्लिमों द्वारा कर दिया जाए तो हिन्दुओं को कोई अधिकार नहीं है कि वो अपनी आवाज़ भी उठाऐ।

दिल्ली के 24 वर्षीय अंकित सक्सेना की हत्या उसके माता पिता के सामने कर दी गई क्योंकि वो एक मुस्लिम लड़की से प्यार करता था। अंकित का हत्यारा कोई और नहीं बल्कि उसकी प्रेमिका के माता पिता ही थे, क्योंकि इस्लाम दुसरे धर्म में शादी करने की इजाज़त नहीं देता।

बेंगलुरू के 28 वर्षीय संतोष कालिदास की हत्या वसीम, उमर और इरफ़ान ने इसलिये कर दी क्योंकि उसने विवेकानंद जयंति समारोह का आयोजन किया था। इन तीनों हत्यारों ने विवेकानंद जयंति के बैनर भी फाड़ दिये थे। इस्लाम के शब्दकोश में सेक्युलरिज्म नाम का कोई शब्द नहीं है।

बेंगलुरू के ही 38 वर्षीय मंजुनाथ का सर, 40 वर्षीय सैय्यद शमशुद्दीन उर्फ़ सैयद अलताफ़, ने आई एस आई के स्टाईल में धड़ से अलग कर दिया। हैवानियत की हद उस वक़्त पार कर गई जब सैयद अलताफ़ मंजुनाथ का सर अपने 14 और 15 साल के बेटों के साथ मिलकर अलग कर दिया। मंजुनाथ का गुनाह इतना था कि उसने सैयद अलताफ़ से किराये के पैसे माँगे थे।

आर जे नावेद, इस देश का हिंदु नौजवान कब तक सेक्युलरिजम के बलिवेदी पर भेंट चढ़ता रहेगा? केरल में अनगिनत मासूम हिन्दु नवयुवकों की हत्या अमानवीय तरीक़े से कर दी गई। एक अख़लाक़ के मरने पर पाखंडी बुद्धिजीवी अपने अवार्ड वापस करने का ढोंग करने लगते हैं। मुसलमानों द्वारा कब तक हिंदु नौजवानों की निर्मम हत्या होती रहेगी? इन निर्मम हत्याओं पर लोग कब बात करेंगें? आर जे नावेद, तुम जैसे तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ता कब तक हिन्दु नवयुवक के खुन के सांप्रदायिकता का नाम देते रहोगे?

समाज और देश में हो रहे बलात्कार जैसे दुष्कर्म के विरुद्ध आवाज़ उठाना ठीक है, और आसान भी है। लेकिन आर जे नावेद, एक ज़िम्मेदार नागरिक का फ़र्ज़ कब निभाओगे? ऐसे दुष्कर्म को बढ़ावा देने वाले कारणों पर कब बात करोगे? जिस तरह से मुसलमानों द्वारा हिन्दु युवकों की हत्या हो रही है, ऐसा लगता है हिंदू माताऐ बेटों को भी गर्भ में ही मार देगी कही आततायी मुसलमान उसके बेटों को ना मार दे।

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button