लखनऊ विश्वविद्यालय में कुलपति व प्रॉक्टर पर छात्रों का हमला, विश्वविद्यालय अनिश्चितकाल के लिए बंद

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में बुधवार को जमकर गुंडागर्दी और अराजकता हुई। कुलपति, प्रॉक्टर व शिक्षकों पर कुछ लोगों ने हमला कर मारपीट की। प्रॉक्टर समेत कई शिक्षकों को चोटें आईं। विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि हमला निष्कासित छात्रों और बाहरी लोगों ने किया। घटना के बाद पीजी काउंसलिंग रोक दी गई। गुंडागर्दी के विरोध में शिक्षकों ने बृहस्पतिवार को आमसभा बुलाई है। बहरहाल, लखनऊ विश्वविद्यालय को 13 साल बाद अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है।

कुलपति प्रो.एसपी सिंह के मुताबिक वे बुधवार दोपहर 12.30 बजे एकेडमिक स्टाफ कॉलेज में होने वाले वर्कशॉप में लेक्चर देने के लिए निकले थे। प्रशासनिक भवन से बाहर गेट पर आकाश लाला और विनय यादव कुछ लोगों के साथ उनकी गाड़ी के सामने आ गए। इनमें से कुछ लोग खुद को समाजवादी पार्टी से जुड़ा बताते हुए कुछ छात्रों को दाखिला देने के लिए नारेबाजी करने लगे। ये लोग गाड़ी के आगे लेट गए इसलिए हम पैदल ही एकेडमिक स्टाफ कॉलेज चले गए।

15-20 लोगों ने किया हमला, पत्थरबाजी, 10 मिनट तक चलता रहा तांडव
कुलपति के मुताबिक एकेडमिक स्टाफ कॉलेज में लेक्चर देकर दोपहर करीब डेढ़ बजे जब वापस आए तो घात लगाकर बैठे आशीष मिश्रा बॉक्सर (निष्कासित छात्र), आकाश लाला और विनय यादव ने 15-20 लोगों के साथ उनपर हमला कर दिया। प्रॉक्टोरियल टीम ने उन्हें गाड़ी में बैठाकर रवाना किया।

इस बीच, उपद्रवियों ने प्रॉक्टर प्रो. विनोद सिंह, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो.राजकुमार सिंह, चीफ प्रोवोस्ट प्रो.संगीता रानी, डीन सीडीसी प्रो.आरआर यादव, एडिशनल प्रॉक्टर प्रो. गुरनाम सिंह, डॉ. अरुण कुमार समेत दर्जन भर शिक्षकों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। उन पर पत्थरबाजी भी की। करीब 10 मिनट तक तांडव काटने के बाद सभी वहां से भाग निकले।

पुलिस को दी सूचना, पर कुछ नहीं किया

प्रॉक्टर प्रो. विनोद सिंह का कहना है कि उन्होंने परिसर के माहौल के संबंध में सुबह ही पुलिस को जानकारी दी थी। अवांछित तत्वों के गेट नंबर एक पर भूख हड़ताल के बारे में बताया गया था। ये लोग जबरदस्ती परिसर में बैठे हुए थे। इसके बावजूद उन्हें उठाया नहीं गया। उनके समर्थन में बाहरी लोग जुटे। घटना के समय पुलिस परिसर में मौजूद थी, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया। घटना के बाद भूख हड़ताल कर रहे छात्रों को पुलिस ने उठाया।

मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री को ट्वीट कर दी जानकारी
विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस पर सहयोग न करने का आरोप लगाते हुए ट्वीट कर घटना की जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप-मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को दी। इसके बावजूद पुलिस ने कोई संज्ञान नहीं लिया। घटना के बाद डीजीपी ओमप्रकाश, एसपी टीजी हरेंद्र कुमार, सीओ अनुराग सिंह को भी फोन किया गया।

ये है पूरा मामला

प्रदर्शन कर रहे छात्रों को ले जाती पुलिस।

                                                                                          प्रदर्शन कर रहे छात्रों को ले जाती पुलिस।
विश्वविद्यालय में अनुशासनात्मक मामलों में करीब 25 विद्यार्थियों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है। इन अभ्यर्थियों की प्रवेश परीक्षा का परिणाम भी जारी नहीं किया गया है। पिछले साल सीएम योगी आदित्यनाथ को काला झंडा दिखाने वाली पूजा शुक्ला और गौरव त्रिपाठी इसके विरोध में सोमवार से भूख हड़ताल पर बैठे हुए थे। बुधवार को गौरव बेहोश हो गया।

भूख हड़ताल पर बैठे समर्थकों ने आरोप लगाया कि शासन-प्रशासन की ओर से उसे देखने कोई नहीं आया। एंबुलेंस न आने पर समर्थक आक्रोशित हो उठे। इसके बाद पूरी घटना हुई। हालांकि पूजा शुक्ला और अन्य समर्थकों ने मारपीट करने वालों से किसी प्रकार का संबंध या फिर उन्हें पहचानने से इन्कार किया।

3 नामजद, दर्जनो अज्ञात पर केस दर्ज

मामले पर क्षेत्राधिकारी महानगर अनुराग सिंह का कहना है, ‘मुख्य नियंता की तहरीर पर तीन नामजद और दर्जनों अज्ञात युवकों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा, मारपीट, बलवा और सेवन क्रिमिनल लॉ एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने दो को मौके से ही पकड़ लिया था। एक अन्य आरोपी बॉक्सर को पुलिस ने देर शाम को गिरफ्तार किया। अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।’
 

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