वी. के. सिंह और किरण रिजिजू को राजनाथ सिंह की नसीहत, बोलते वक्त रहें संभलकर
नई दिल्ली। होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह और किरण रिजिजू के विवादास्पद बयानों पर उन्हें सावधान रहने की नसीहत दी है । राजनाथ सिंह ने कहा, ‘हम केवल इतना कह कर नहीं बच सकते कि बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है। जब हम अपने विचार प्रकट करते हैं तो हमें सावधान रहने की जरूरत है।’ हालांकि राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि जनरल (रिटायर्ड) वी. के. सिंह और किरण रिजिजू दोनों ने ही अपनी सफाई दे दी है।
लेकिन उन्होंने यह भी कहा, ‘सत्तारूढ़ पार्टी के नेता के तौर पर मुझे लगता है कि हम सभी को कोई बयान देने से पहले ज्यादा एहतियात बरतना चाहिए। और यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बयान के गलत तरीके से व्याख्या किए जाने की जरा सी भी गुंजाइश नहीं रहे। हम सबको सावधानी से बात रखनी होगी।’ उन्होंने कहा कि हरियाणा की घटना के लिए मुख्यमंत्री से बात की है और उन्हें जरूरी कदम उठाने के लिए कहा गया है।
इस मामले में विदेश राज्य मंत्री वी. के. सिंह ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली है लेकिन बिहार चुनाव के मद्देनजर उनके बयान ने राजनीतिक भूचाल की स्थिति पैदा कर दी थी। हरियाणा में दो दलित बच्चों को जिंदा जलाने पर सिंह ने गुरुवार को कहा था कि सरकार इन हत्याओं की जिम्मेदारी नहीं ले सकती। इसके बाद उन्होंने अपने बयान में यह बात भी जोड़ी थी कि यदि कोई कुत्ते पर पत्थर फेंकता है तो यह सरकार की जिम्मेदारी नहीं है।
इसके अलावा केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने विवादित बयान देते हुए कहा कि वह दिल्ली के एक पूर्व उपराज्यपाल के इस बयान से सहमत हैं कि उत्तर भारतीयों को नियम तोड़ने में मजा आता है और उन्हें इस पर गर्व होता है।
रिजिजू ने पुलिस से संबंधित मसलों पर एक थिंक टैंक के उद्घाटन समारोह से इतर कहा, ‘मैं दिल्ली के एक उपराज्यपाल के कुछ वर्ष पुराने बयान का गवाह बना हूं। उन्होंने कहा था कि उत्तर भारत के लोगों को नियम तोड़ने में आनंद आता है। शाम तक उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी, लेकिन मुझे लगता है कि जो उन्होंने कहा कि वह सही था।’
हालांकि बाद में रिजिजू ने अपनी सफाई में कहा कि यह किसी एक वर्ग के बारे में संकेत नहीं करता, बल्कि पूरे समाज पर लागू होता है। उन्होंने कहा कि उनके बयान के राजनीतिकरण का प्रयास गलत है। साथ ही कहा कि समाज में कुछ भी गलत होता है तो इसके लिए हर कोई जिम्मेदार है।
NDA खेमे के राम विलास पासवान और जीतन राम मांझी जैसे नेताओं ने वी. के. सिंह के बयान को असंवेदनशील करार दिया और विपक्ष की ओर से तो उन्हें मंत्रिमंडल से हटाए जाने के साथ-साथ उन पर कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग भी की गई है।
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