सचिन तेंदुलकर की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली पारी में कोरोना से लड़ने का तोड़-चैपल

पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस के संक्रमण के जूझ रही है। ऐसे में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर इयान चैपल ने कोरोना से जंग लगने के लिए सचिन तेंदुलकर की 1998 में खेली गई टेस्ट पारी से सबक लेने को कहा है। पूर्व दिग्गज ने लोगों को इस महामारी को किसी टेस्ट मैच की संयम भरी पारी जैसे खेलने की सलाह दी है।

चैपल ने espncricinfo.com के कॉलम में लिखते हुए सचिन तेंदुलकर की टेस्ट पारी का उदाहरण देते हुए बताया कि हालिया स्थिति में किस तरह के गुण की जरूरत है। “हालिया स्थिति इम्तिहान की घड़ी है जिसमें दुनिया के तमाम लोगों की सहायता की मांग करता है। मैंने सीखा है कि जो नियम एथलेटिक्स में लागू होता है खेलते वक्त वो ऐसे समय में मददगार रहेगा जीवन जीने के लिए।”

“जिस तरह से कोविड 19 महामारी की मार इस वक्त सबपर बड़ी है उससे तो दुनिया भर ते लोगों को संयम, लगन, और थोड़ा सा आगे बढ़कर कदम उठाने की मांग कर रहा है। यही वो गुण हैं जो उच्च स्तर पर खेले जाने वाले टेस्ट मैच में जरूरत पड़ती है।”

चैपल ने सचिन तेंदुलकर की साल 1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई चेन्नई टेस्ट मैच की पारी को चुना जिसमें वो शेन वार्न की गेंदबाजी पर पूरी तरह से हावी हो गए थे। इस शानदार पारी के जो खास गुण मैने चुने हैं उसमें सचिन तेंदुलकर की 1998 की वो चेन्नई टेस्ट की मास्टर पीस पारी थी। इस बेहतरीन पारी के दम पर भारत ने यह टेस्ट मैच 155 रन से जीता था लेकिन यह सचिन द्वारा आगे बढ़कर नेतृत्व कर ऐसा संयमभरी पारी के बिना मुमकिन नहीं था।

उन्होंने आगे इस पारी के पीछे की मेहनत के बारे में जिक्र करते हुए लिखा, “सचिन ने पूर्व ऑलराउंडर रवि शास्त्री से पूछा था कि आप ऑस्ट्रेलिया के शेन वार्न की गेंद का सामना कैसे करेंगे अगर वो राउंड द विकेट से रफ में गेंद डाले। शास्त्री ने उनको बताया था अपनी लंबी पहुंच की बदौलत। मेरे पास वार्न की रफ गेंदबाजी का एंटीडोट है लेकिन आपके पास नहीं। ऐसे में आपको आक्रमण विकल्प का चुनाव करना होगा वार्न की ऐसी गेंदबाजी का सामना करने के लिए।”

चैपल ने बताया कि सचिन ने अपने सीनियर की सलाह को गंभीरता से लिया और अपने आप को वार्न के साथ होने वाली इस खास लड़ाई तैयार किया।

“चौथे दिन की बात जल्दी से बताउं तो यहां दोनों टीमों के बीच टककर थी जहां भारत मुश्किल में घिरता नजर आया। पहली पारी में सचिन को वार्न ने सस्ते में आउट कर दिया था इसके बाद दूसरी पारी में भी भारतीय टीम की स्थिति बुरी थी लेकिन सचिन ने दृढ़ निश्चय और पहल करने की कला दिखाई इसके बाद वार्न द्वारा बल्लेबाजों द्वारा बने पैरों के निशान से टर्न हासिल करने पर पानी फेरा। हर बाद उन्होंने स्पिनर की गेंद पर प्रहार किया और आखिरी में टीम इंडिया को इस मैच में शानदार जीत मिली।”

 

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