15 सालों में 211 फीसदी बढ़ी भारत की दौलत

landanलंदन। भारत की संपत्ति पिछले 15 सालों में 211 फीसदी बढ़ी है जो अमेरिका, इंग्लैंड, जापान, फ्रांस, जर्मनी और ब्राजील की तुलना में कई गुना ज्यादा है। सिर्फ 4 देशों इंडोनेशिया, चीन, रूस और ऑस्ट्रेलिया ने भारत से बेहतर प्रदर्शन किया है। इंडोनेशिया की संपत्ति 362 फीसदी बढ़ी है जबकि चीन की संपत्ति में 341 फीसदी, रूस की संपत्ति में 253 फीसदी और ऑस्ट्रेलिया की संपत्ति में 248 फीसदी बढ़ोतरी हुई है।

कुछ बड़े पश्चिमी देशों की संपत्ति में पिछले 15 साल में मामूली सी बढ़ोतरी हुई है। जापान की संपत्ति में 39 फीसदी, अमेरिका की संपत्ति में 41 फीसदी और इंग्लैंड की संपत्ति में 58 फीसदी वृद्धि हुई है।

भारत की प्रति व्यक्ति आय साल 2000 में 900 डॉलर यानी करीब 59, 400 रुपये थी जो 2015 में बढ़कर 2,800 डॉलर यानी करीब 1,84,800 रुपये हो गई है। कुल व्यक्तिगत संपत्ति के अनुसार की गई रैंकिंग में भारत दुनिया का 10वां सबसे धनी देश है। कुल व्यक्तिगत संपत्ति का मतलब देश के समस्त व्यक्तियों की मिलाकर कुल आय।

 लेकिन, प्रति व्यक्ति आय की दृष्टि से भारत और इंडोनेशिया सबसे ज्यादा गरीब देश हैं। प्रति व्यक्ति संपत्ति के अनुसार की गई रैंकिंग में भारत टॉप 20 देशों में सबसे आखिर में है। दुनिया के 20 सबसे धनी देश पर न्यू वर्ल्ड वेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक, स्विटजरलैंड 285,100 डॉलर यानी करीब 1,88,16,600 रुपये प्रति व्यक्ति आय के साथ टॉप पर है। उसके बाद ऑस्ट्रेलिया (204,400 डॉलर यानी 1,34,90,400 रुपये प्रति व्यक्ति आय), अमेरिका (150,600 डॉलर यानी करीब 99,39,600 रुपये) और यूके (147, 600 डॉलर यानी 97,41,600 रुपये) का स्थान आता है। न्यू वर्ल्ड वेल्थ ने शुरू में खुलासा किया था कि पुणे भारत का सबसे तेजी से विकसित कर रहा शहर है जहां कई करोड़पति हैं और एशिया-पसिफिक में सुपर रिच के लिए 20 सबसे तेजी से बढ़ रहे शहरों में 7 शहर भारत के हैं।

पुणे में करोड़पति व्यक्तियों में 2004 और 2014 के बीच में 317 फीसदी की ग्रोथ हुई है। इनकी संख्या 60 से बढ़कर 250 हो गई है। कुल मिलाकर एशिया पसिफिक क्षेत्र में सुपर रिच के लिए तेजी से ग्रोथ करने वाले शहर में भारत को तीसरे रैंक पर रखा गया है। पहले नंबर पर वियतनाम का हो चो मिन्ह शहर है जहां 400 फीसदी (40 से 200) की ग्रोथ हुई है और दूसरे नंबर पर जकार्ता है जहां करोड़पतियों की संख्या में 396 फीसदी (280 से 1390) ग्रोथ हुई है। इस रैंकिंग में चौथे नंबर पर है जहां 220 फीसदी ग्रोथ हुई है। हैदराबाद 510 अरबपति के साथ पांचवें नंबर पर (पिछले दशक में 219 फीसदी ग्रोथ) है। दिल्ली में अरबपतियों की संख्या में 214 फीसदी ग्रोथ हुई है। इनकी संख्या 2004 में 430 थी 2014 में बढ़कर 1,350 हो गई।

 

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