15 अगस्त से सूखाग्रस्त जिलों में सरकार बांटेगी अनाज

 

farnwiesतहलका एक्सप्रेस प्रतिनिधि, बेबाक राशिद सिद्दीकी, नागपुर। सूखे से जूझ रहे जिलों में आत्महत्या रोकने के लिए सरकार ने आहार, स्वास्थ्य और शिक्षण पर जोर देने का निर्णय लिया है। इसके लिए विदर्भ-मराठवाड़ा के 14 जिलों का चयन किया गया है। विदर्भ के वर्धा, यवमतमाल, अमरावती, वाशिम, अकोला, बुलढाणा और मराठवाड़ा के 8 जिले इसमें शामिल हैं। इन जिलों में आत्महत्याग्रस्त गांवों के प्रत्येक परिवार को सरकार ने अनाज देने का निर्णय लिया है। शेतकरी तनावमुक्ति व्यवस्थापन समिति के नवनियुक्त अध्यक्ष किशोर तिवारी ने दैनिक भास्कर से चर्चा करते हुए बताया कि प्रभावित गांवों में हर परिवार को अनाज बांटा जाएगा। 15 अगस्त तक सभी को अनाज देने का निर्णय लिया गया है। किसी वजह से विलंब होता है तो 30 अगस्त तक लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। इसी तरह किसानों की बड़ी समस्या इलाज का खर्च है। राजीव गांधी स्वास्थ्य योजना अंतर्गत किसानों का नि:शुल्क इलाज होगा। उसे दवा या ऑपरेशन पर खर्च करने की नौबत नहीं आएगी। ऑपरेशन के बाद उसे दवाएं भी मुफ्त में मिलेंगी। तीसरा कदम, उनके बच्चों की शिक्षा। प्रवेश शुल्क सहित अन्य शुल्क सरकार को भरने को कहा गया है। तिवारी ने बताया कि हाल में प्रधानसचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से इस बाबत लंबी चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री भी इसे लेकर गंभीर दिखे। जिसके बाद इन योजनाओं को लागू करने का निर्णय लिया गया है। इसे लेकर सरकार ने जीआर भी जारी किया है।

अन्यथा सारी राहत बेकार

किशोर तिवारी को हाल में राज्य सरकार ने शेतकरी तनावमुक्ति व्यवस्थापन समिति का अध्यक्ष बनाया है। तिवारी ने कहा, मैं किसानों के प्रतिनिधि के तौर पर इस समिति में शामिल हुआ हूं। जब तक किसानों को आय की गारंटी नहीं दी जाती, उनके लिए घोषित सारी राहत बेकार साबित होगी। उनकी फसलों को अच्छा दाम मिलना चाहिए। सरकार अपनी तरफ से बोनस दे। किसान पुत्रियों के विवाह में सरकार से बैंकों की मार्फत कर्ज उपलब्ध कराने की मांग की गई है। सरकार से विदर्भ में अस्पताल बढ़ाने की भी मांग की गई थी। कुछ अस्पताल भी बढ़ाए गए हैं। उन्होंने कहा कि लोग हमें सूचनाएं दें। सरकार से बात करेंगे।

 

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