15 अगस्त से स्कूल-कॉलेज खोलने की तैयारी, किसी भी बच्चे को चिंता करने की जरूरत नहीं: HRD मंत्री डॉ पोखरियाल

नई दिल्ली। कोरोना महामारी की वजह से हुए लॉकडाउन में सुरक्षा कारणों को देखते हुए सबसे पहले स्कूलों और कॉलेजों को बंद किया गया था। समय के साथ जिस तरह धीरे-धीरे पाबंदियों को हटाया जा रहा है, लोगों द्वारा स्कूल-कॉलेजों के खुलने को लेकर भी अलग-अलग अटकलें लगाए जा रहे हैं।

बच्चों की पढ़ाई को लेकर पैरेंट्स की इसी चिंता को दूर करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश निशंक पोखरियाल ने एक इंटरव्यू के दौरान 15 अगस्त 2020 के आसपास स्कूल-कॉलेजों को खोले जाने की बात कही है। भारत में इस वक्त स्कूल व कॉलेजों को लेकर लगभग 3 करोड़ से अधिक विद्यार्थी अपने घर पर बैठे हैं।

स्कूल और कॉलेजों को किस तरह दोबारा से पटरी पर लाया जाए, इसको लेकर मानव संसाधन मंत्रालय, गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर गाइडलाइंस तैयार कर रहे हैं। ताकि कोरोना काल में बच्चों को इससे सुरक्षित रखा जा सके।

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अब स्कूल का हुलिया बदल दिया जाएगा। जहाँ सोशल डिस्टेंसिग, साफ़-सफ़ाई, पढ़ने के तरीके आदि का विशेष ध्यान रखते हुए स्कूल को खोलने की अनुमति दी जाएगी।

बीबीसी को दिए गए एक इंटरव्यू में डॉ पोखरियाल ने कहा कि 15 अगस्त तक सभी छात्रों के रिजल्ट की घोषणा भी कर दी जाएगी। साथ ही 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाओं को 1 से 15 जुलाई के भीतर करवाया जाएगा। जहाँ विद्यार्थियों को पहले की तरह केंद्र पर परीक्षा देने के बजाए उनके स्कूलों में ही परीक्षा देने जाना होगा।

परीक्षा, सोशल डिस्टेंसिग, मेरिट इन सभी बातों को लेकर डॉ पोखरियाल ने कहा कि बच्चों को परिस्थितियों के अनुसार बिना किसी चिंता के परीक्षा देनी चाहिए। उनकी तैयारियों के लिए उन्हें पूरा समय दिया जाएगा।

मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ पोखरियाल ने कहा कि किसी को नहीं पता था कि ये होने वाला है, कोई तैयार नहीं था। फिर भी हमारे शिक्षा मंत्रालय ने कोशिश की कि घरों में रहकर ही बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दी जाए।

जिन बच्चों के पास इंटरनेट, स्मार्टफोन या सही लाइट की सुविधा नहीं है, उनके बारे में उन्होंने कहा, “हम अंतिम छोर पर रहने वाले बच्चों की भी चिंता कर रहे हैं, जिनके पास इंटरनेट और स्मार्टफ़ोन नहीं हैं, उन्हें भी चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। हम उनके हिसाब से पाठ्यक्रम लाएँगे। ज़रूरत पड़ी तो रेडियो का भी प्रयोग करेंगे।”

बदलाव पर बात करते हुए अंत में उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भारत के आत्मनिर्भर योजना को लेकर कहा कि कोरोना के इस दौर में जब दुनिया बदल रही है तो शिक्षा भी बदलेगी। विदेश जा रहे बच्चों को अब भारत में ही उच्च शिक्षा दिलाई जाएगी। उन्होंने कहा, “भारतीय विज़न और संस्कार, जीवन मूल्य दुनिया में छाएँगे, आज इनकी दुनिया को ज़रूरत है।”

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button