8 मिनट की कॉल से बदल गए भारत-पाक के हालात

तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली। आठ मिनट की एक बातचीत से चीजें किस कदर बदल जाती हैं, इसका अंदाजा रूस के उफा में भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की मुलाकात से लगाया जा सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक जून के मध्य पाकिस्तान में घरेलू मोर्चे पर सियासी मुश्किलों से जूझ रहे प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को 16 जून की शाम यह बताया गया कि भारत से PM मोदी उनसे बात करना चाहते हैं।
नरेंद्र मोदी ने उनसे बात कर रमजान के पवित्र महीने के लिए उन्हें शुभकामानएं दीं। आठ मिनट की यह टेलिफोन कॉल मोदी के इन शब्दों के साथ खत्म हुई, ‘आशा करता हूं कि हमारी जल्दी भेंट होगी।’ इस पर नवाज शरीफ का जवाब था, ‘इंशा अल्लाह जरूर मुलाकात होगी।’ दोनों को यह बात पता थी कि वे उफा में SCO की मीटिंग में शरीक होने जा रहे हैं। काठमांडू में पिछले साल नवंबर में हुई SAARC बैठक के बाद उफा में दोनों प्रधानमंत्रियों के लिए मुलाकात का यह पहला मौका था। सूत्रों का कहना है कि विदेश सचिव एस जयशंकर ने रमजान शुरू होने के बाद मोदी नवाज की बातचीत के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए पाकिस्तान के हाईकमिश्नर अब्दुल बासित से मुलाकात की। मुलाकात का मक्सद था कि इस सिलसिले को किस तरीके से आगे बढ़ाया जाए। इस प्रक्रिया में दोनों देशों के उच्चायोगों ने अपने-अपने यहां के विदेश विभाग से संपर्क बनाए रखा। इस बीच NSA चीफ अजीत डोभाल की पाकिस्तानी उच्चायोग और पाकिस्तान में भारतीय हाई कमिश्नर राघवन ने पाकिस्तान के NSA सरताज अजीज से डायलॉग चैनल खोल रखे थे। इसी दौरान कश्मीर में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को पता चला कि बासित ने हुर्रियत नेताओं को 4 जुलाई की इफ्तार के लिए दावत दे रखी थी। पाकिस्तान इस सालाना जलसे पर जाने-माने मुसलमानों को दावत देता रहा है। चूंकि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की प्रस्तावित मुलाकात से पहले यह एक बड़ा मुद्दा हो सकता था इसलिए पाकिस्तानी उच्चायोग ने 25 जून को हुर्रियत नेताओं को बताया कि कराची में लोगों की मौत हुई है, इसलिए इस सूरत में इफ्तार की दावत ठीक नहीं रहेगी। इसके बाद भारतीय पक्ष की ओर से नवाज-मोदी की मुलाकात का एजेंडा आगे बढ़ाया गया। भारत ने पाकिस्तान के सामने लखवी का मुद्दा भी सामने रखा। यह साफ कर दिया गया कि भारत के राजनीतिक नेतृत्व के लिए लखवी की वजह से पाकिस्तान से बात करना मुश्किल हो सकता है। पाकिस्तान ने भारत को यह भरोसा दिलाया कि लखवी भले ही जमानत पर बाहर हों लेकिन वह सार्वजनिक तौर पर सक्रिय नहीं रहेगा।
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