90 करोड़ को 4 हजार करोड़ बनाने का फॉर्मूला क्या है?

bjp pc 1नई दिल्ली।  एबीपी न्यूज के खुलासे के बाद बीजेपी ने कांग्रेस से कई गंभीर सवाल किये. बीजेपी ने पूछा कि 90 करोड़ को चार हजार करोड़ बनाने का फॉर्मूला क्या है?

नैशनल हरल्ड अखबार की कंपनी और सोनिया-राहुल की यंग इंडियन कंपनी के लेनदेन पर आपके चैनल के खुलासे के बाद बीजेपी ने कांग्रेस से सवाल किय कि नब्बे करोड़ को चार हजार करोड़ बनाने का फॉर्मूला क्या है?

 

आपके चैनल एबीपी न्यूज ने खुलासा किया था कि सोनिया और राहुल की कंपनी यंग इंडियन ने काले धन को सफेद करने के आरोप में फंसी कंपनी से एक करोड़ का लोन लिया था.

 आयकर विभाग को शक है कि कहीं नेहरू का अखबार नेशनल हेरल्ड चलाने वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड ने कांग्रेस से मिला 90 करोड का लोन उसे कैश के जरिए तो वापस नहीं किया? 90 करोड़ के लोन पर कांग्रेस को अब जवाब नहीं देते बन रहा है. रणदीप सुरजेवाला ने भी इस पर जवाब नहीं दिया. एबीपी न्यूज के शो में कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा भी सवाल का जवाब देने से बचते रहे.

 

आयकर विभाग लखनऊ ने एजेएल की एसेसमेंट रिपोर्ट में 90 करोड के रिपेंमेंट को लेकर गंभीर सवाल खडे किए है. साथ ही एजेएल कंपनी को यह भी कहा कि क्यों ना उसके खिलाफ 90 करोड़ की पैनल्टी लगा दी जाए. आपके चैनल एबीपी न्यूज सोनिया राहुल पर दूसरा बड़ा खुलासा. सोनिया और राहुल गांधी पर बीजेपी का ये तीखा हमला 90 करोड़ के उस कर्ज को लेकर हैं जो कांग्रेस पार्टी ने 17 साल तक देश की सत्ता संभालने वाले पंडित जवाहर लाल नेहरू के अखबार नेशनल हेरल्ड चलाने वाली कंपनी एजेएल यानी एसोसिएटेड जर्नल्स प्राइवेट लिमिटेड को दिया था.

 

दस्तावेज है पंडित नेहरू के शुरू किए नैशनल हेरल्ड अखबार को छापने वाली कंपनी एजेएल यानी एसोसिएटेड जर्नल्स के एसेसमेंट आर्डर का. इस दस्तावेज पर आय़कर विभाग लखनऊ के डिप्टी कमिश्नर वाई एस नेगी के हस्ताक्षर भी हैं. दस्तावेज के मुताबिक आय़कर विभाग ने एजेएल के साल 2011 और साल 2012 के खातों का आकलन किया.

आयकर विभाग ने ये जांच क्यों शुरू की? जवाब है वो उलझा हुआ मामला जो नेहरू के नेशनल हेरल्ड अखबार , कांग्रेस और सोनिया राहुल की यंग इंडियन कंपनी से जुड़ा हुआ है.

 सबसे पहले देखिए क्या हुआ था

लोन देने और एजेएल के शेयर पूरे खेल में संस्थाएं तो तीन हैं लेकिन तीनों के कर्ता-धर्ता एक ही हैं. पहली संस्था है कांग्रेस पार्टी जिसकी अध्यक्ष हैं सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष हैं राहुल गांधी और कोषाध्यक्ष हैं मोतीलाल वोरा. दूसरी कंपनी है यंग इंडियन कंपनी – इसमें सोनिया, राहुल और मोतीलाल वोरा शामिल हैं. तीसरी कंपनी है एजेएल – ये नेहरू परिवार की कंपनी है.

यानी कुल मिलाकर कर्ज की मांग करने वालों, मांग को सुनने वाले और फैसला करने वाले एक ही थे. अब सवाल उठता है कि ये कौन सा कर्ज है. तो अब जरा पहेली का ये दूसरा हिस्सा समझिए.

 नेशनल हेरल्ड को चलाने वाली कंपनी एजेएल घाटे में थी और उसे एक बड़ा लोन चाहिए था. इस जरूरत को पूरा किया राजनीतिक पार्टी कांग्रेस ने यानी कांग्रेस ने 90 करोड़ का बिना ब्याज वाला लोन एजेएल को दे दिया.

 तब तस्वीर में सामने आई सोनिया और राहुल की कंपनी यंग इंडियन. यंग इंडियन ने एजेएल का लोन अपने सिर पर ले लिया और बदले में एजेएल कंपनी ने अपने 90 फीसदी शेयर यंग इंडियन के नाम कर दिए. यहीं से उठता है ये सवाल कि 90 करोड़ के कर्ज का क्या हुआ? बीजेपी ने भी उस 90 करोड़ के कर्ज को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है.

 कांग्रेस के कहने पर नैशनल हेरल्ड अखबार वाली कंपनी एजेएल ने सोनिया-राहुल की कंपनी यंग इंडियन को अपने नौ करोड शेयर इशू कर दिए थे. 9 करोड़ शेयर का मतलब एजेएल का 90 फीसद से ज्यादा का हिस्सा. औऱ इस तरह से सोनिया-राहुल की यंग इंडियन कंपनी नैशनल हेरल्ड छापने वाली एजेएल की मालिक बन गई. इसके बाद आयकर विभाग लखनऊ ने एजेएल के खातों की जांच शुरु कर दी.

आय़कर विभाग के सूत्रों ने बताया कि मामले की समीक्षा के दौरान जो तथ्य एजेएल ने दिए उससे आयकर विभाग के अधिकारी संतुष्ट नहीं हुए औऱ उन्होंने एजेएल के खिलाफ आदेश पारित कर दिया. इस आदेश में कहा गया कि दस्तावेजों के आंकलन से पता चलता है कि कांग्रेस पार्टी ने एजेएल को कई चरणों में 90 करोड का लोन दिया ये लोन ब्याज रहित था. कांग्रेस को ये 90 करोड़ वापस मिलने के कोई कागज पेश नहीं किये गए, लेकिन बाद में कांग्रेस के कहने पर एजेएल ने यंग इंडियन को नौ करोड शेयर जारी कर दिए. यानी अपनी कंपनी की 90 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी यंग इंडियन को दे दी.

 आय़कर विभाग के अधिकारी ने अपनी जांच के बाद 90 करोड के लोन के कांग्रेस को रिपेमेंट होने पर सवाल खड़े किए और पूछा कि लोन किस तरह से चुकाया गया. विशेषज्ञों के मुताबिक इसका खुलासा जरूरी है.

 दरअसल एजेएल ने 90 करोड़ का लोन चुकाने के लिए ना तो आल इंडिया कांग्रेस पार्टी के नाम कोई चैक जारी किया औऱ ना ही कांग्रेस पार्टी के नाम कोई डिमांड ड्राफ्ट दिया गया. सरल शब्दों में कहा जाए तो आयकर विभाग ने शक जाहिर किया कि कहीं एजेएल ने ये लोन कैश में तो कांग्रेस को वापस नहीं कर दिया. इस शक को आय़कर अधिकारी ने इस तरह से जाहिर करते हुए कहा कि एजेएल कंपनी ने आय़कर कानून की धारा 269 टी का उल्लघन किया है. इस धारा का मतलब होता है कि बीस हजार रूपये से ज्यादा का भुगतान चैक या ड्राफ्ट के जरिए ही किया जा सकता है.

हालांकि अभी तक इस बात के कोई दस्तावेजी सबूत नहीं मिले है कि कांग्रेस को ये लोन कैश के रूप में वापस कर दिया गया लेकिन आय़कर विभाग के अधिकारी ने इस पर गंभीर सवाल जरूर खडे किए.

आय़कर विभाग ने अपने आदेश मे एजेएल से यह भी कहा कि क्यो ना उसके खिलाफ इस मामले को लखनऊ के ज्वाइंट कमिश्नर आय़कर विभाग के पास भेजा जाए और उसके खिलाफ इस मामले में लोन के बराबर की राशि यानि 90 करोड रुपये का जुर्माना लगाने को कहा जाए.

दूसरी तरफ बीजेपी का कहना है कि 90 करोड़ के कर्ज और उसके बदले सोनिया राहुल की कंपनी यंग इंडियन को 90 फीसदी शेयर देने के पीछे एजएल की 5000 करोड़ की संपत्ति है.

दूसरी तरफ कांग्रेस ने 90 करोड रुपये कैश की बाबत पूछे गए सवाल पर कोई जवाब में कहा है कि सरकार इनकम टैक्स विभाग और इडी की मदद से अभियान चला रही है. कानूनी तौर पर ऐसे खुलासे नहीं किए जा सकते. मैं ये भी बताना चाहता हूं कि ये मामला दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहा है और इसमें हाईकोर्ट ने अतंरिम आदेश भी दिए हैं. इसलिए इस माले पर कोई भी टिप्पणी नहीं की जा सकती.

सभार : एबीपी न्यूज़ चैनेल 

 

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