AAP के 2 सांसद सस्पेंड, पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप

aap-mpतहलका एक्सप्रेस

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने शनिवार को बड़ा फैसला लेते हुए अपने दो सांसदों को पार्टी से सस्पेंड कर दिया। पार्टी ने पंजाब से चुने गए चार में से दो लोकसभा सांसदों धर्मवीर गांधी और हरिंदर सिंह खालसा को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर सस्पेंड किया। इन दोनों सांसदों से आम आदमी पार्टी अपने विरोधी गुट प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव का साथ देने से खफा थी। धर्मवीर गांधी ने तो कई बार पार्टी के खिलाफ खुलकर बयान दिया था। उन्होंने अरविंद केजरीवाल की जमकर आलोचना भी की थी।

आप का कहना है कि इन दोनों सांसदों ने पार्टी के अनुशासन को तोड़ा है। दूसरी तरफ पार्टी के इस कदम पर हरिंदर सिंह ने कहा कि मैंने कोई अनुशासन नहीं तोड़ा है। उन्होंने कहा, ‘मैं पार्टी में गलत चीजों का विरोध करूंगा। गलत चीजों का विरोध करना अनुशासनहीनता नहीं है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि पॉलिटिकल अफेयर कमिटी ने दोनों सांसदों पर अनुशासनहीनता के मामले पर गंभीरता से विचार करने के बाद यह फैसला लिया है।

पिछले लोकसभा चुनाव में आप को पंजाब में चार सीटें मिली थीं। हालांकि देश के किसी और राज्य में उसका खाता नहीं खुला था। इन दोनों सांसदों पर पंजाब में ‘आप की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने’ का आरोप लगा है और इनका मामला अब पार्टी की तीन सदस्यीय अनुशासन समिति को भेज दिया गया है। इस समिति में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता, पार्टी की दिल्ली इकाई के संयोजक दिलीप पांडे और प्रवक्ता दीपक वाजपेयी हैं। आप ने ट्विटर के जरिए कहा, ‘श्री गांधी और श्री खालसा ने पंजाब में भ्रष्ट बीजेपी-अकाली दल नेताओं से हाथ मिला लिया था और उन्होंने आम आदमी के साथ विश्वासघात किया।’ पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘दोनों सांसदों को निलंबित किया गया है और बर्खास्त नहीं किया गया। इसका मतलब यह है कि उन्हें लोकसभा में पार्टी विप का पालन करना होगा।’
आम आदमी पार्टी के इस फैसले पर योगेंद्र यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘दिल्ली दरबार ने गांधी और खालसा को सस्पेंड कर दिया। ये स्वाभिमानी पंजाबियों से हैरान थे। ये इन्हें मिल रहे समर्थन से परेशान थे। ये सच से डर रहे थे।’

पंजाब में पटियाला से सासंद धर्मवीर गांधी कई बार केजरीवाल पर तानाशाह होने का आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने कहा था कि आम आदमी पार्टी मायावती और मुलायम की पार्टी से अलग नहीं है। उन्होंने खुलकर योगेंद्र यादव का समर्थन किया था। गांधी लगातार कहते रहे हैं कि आम आदमी पार्टी का जिस मिशन के लिए गठन हुआ था उस मिशन से भटक गई है। फतेहगढ़ से सांसद हरजिंदर सिंह खालसा पर भी आम आदमी पार्टी ने पार्टी का अनुशासन भंग करने का आरोप लगाया है। फरीदकोट से आप सांसद साधु सिंह ने भी योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी से निकाले जाने का विरोध किया था। साधु सिंह के साथ हरजिंदर ने भी पार्टी में इन दोनों नेताओं को वापस लाने की मांग की थी। हालांकि पार्टी ने साधु सिंह को निलंबित नहीं किया है।

पंजाब के संगरूर से सांसद भगवंत मान खुलकर अरविंद केजरीवाल के समर्थन में रहे हैं। आप ने शुरू में लोकसभा में धर्मवीर गांधी को नेता बनाया था लेकिन बाद में पार्टी ने यह जिम्मेदारी भगवंत मान को सौंप दी थी। भगवंत मान ने योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी निकालने का समर्थन किया था। आम आदमी पार्टी की पंजाब यूनिट में कई महीनों से उठापटक जारी थी। पार्टी इन सासंदों को निकाल प्रदेश यूनिट को फिर से खड़ा करना चाहती है। जाहिर है अब भगवंत मान का आप की पंजाब यूनिट में कद बढ़ जाएगा।

 

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