लखनऊ : गुपकर समझौते को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करे कांग्रेस नेतृत्व: CM योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों के गुपकर समझौते को समर्थन' देने पर कांग्रेस की आलोचना करते हुए बृहस्पतिवाार को कहा कि ''राष्ट्रीय एकता और अखंडता के साथ खिलवाड़ करने वाले'' इस समझौते पर कांग्रेस अपना रुख स्पष्ट करे।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों के गुपकर समझौते को समर्थन’ देने पर कांग्रेस की आलोचना करते हुए बृहस्पतिवाार को कहा कि ”राष्ट्रीय एकता और अखंडता के साथ खिलवाड़ करने वाले” इस समझौते पर कांग्रेस अपना रुख स्पष्ट करे।

मुख्यमंत्री ने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा राष्ट्रीय अस्मिता के साथ खिलवाड़ किया और अलगाववादी तत्वों को प्रेरित तथा प्रोत्साहित करती रही है और जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर कांग्रेस का दोहरा चेहरा सामने आया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करके आतंकवाद पर प्रहार किया था। अनुच्छेद 370 जम्मू कश्मीर के विकास में भी बाधक थी।

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अलगाववादी समझौते” को समर्थन देने से कांग्रेस कठघरे में …

योगी ने गुपकर समझौता पर राष्ट्रीय एकता और अखंडता के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस समझौते पर दस्तखत करने वालों में वहां के क्षेत्रीय दलों के साथ-साथ कांग्रेस के नेता भी शामिल हैं। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को चाहिए कि वह इस समझौते के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करे। उन्होंने आरोप लगाया कि इस ”अलगाववादी समझौते” को समर्थन देने से कांग्रेस कठघरे में खड़ी हो गई है। पूरा देश उससे इसका जवाब मांग रहा है।

फारूक अब्दुल्ला के गुपकर स्थित आवास पर हुयी थी बैठक

गौरतलब है कि चार अगस्त 2019 को नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला के गुपकर स्थित आवास पर एक सर्वदलीय बैठक हुई थी। वहां एक प्रस्ताव जारी किया गया था, जिसे गुपकर समझौता के नाम से जाना जाता है। इसमें पार्टियों ने निर्णय किया कि वे जम्मू-कश्मीर की पहचान, स्वायत्तता और उसके विशेष दर्जे को बनाए रखने के लिए सामूहिक रूप से प्रयास करेंगे। इस समझौते में नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी सहित जम्मू-कश्मीर के छह बड़े राजनीतिक दल शामिल हैं। गुपकर समझौते के अगले ही दिन जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया गया था और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख तो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया गया था।

 

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