Housing.com ने पुलिस बुलाकर राहुल यादव को किया बर्खास्त, चुपचाप निकले
मुंबई। सोशल मीडिया पर कुछ हफ्ते पहले शेयर बांटो चैलेंज देकर सुर्खियां बटोरने वाले प्रॉपर्टी वेबसाइट Housing.com के पूर्व सीईओ और को-फाउंडर राहुल यादव को उनकी कंपनी ने बाहर कर दिया है। बताया जा रहा है कि housing.com में सबसे बड़े निवेशक सॉफ्ट बैंक के वकीलों ने बुधवार की बोर्ड मीटिंग से पहले पुलिस को भी बुलाया था। आशंका जताई गई थी कि बाहर करने के फैसले पर राहुल किसी भी तरह की हिंसक प्रतिक्रिया न दें। ऐसी नौबत नहीं आई और राहुल ने शांति से फैसले को माना और चुपचाप वहां से निकल गए।
Housing.com और राहुल के रिश्ते पिछले कुछ समय से खराब चल रहे हैं। बुधवार को Housing.com की बोर्ड मीटिंग के बाद कंपनी ने कहा, ‘निवेशकों, पार्टनर्स और मीडिया को लेकर राहुल का बर्ताव उनके बाहर किए जाने का कारण बना।’ ऐसी खबरें आ रही हैं कि Quikr.com ने Housing.com को खरीदना चाहती है।
200 करोड़ रुपए के शेयर्स 2251 कर्मचारियों को लौटाने का किया था एलान
2012 में आईआईटी, बॉम्बे से पढ़कर निकले राहुल यादव housing.com कंपनी से इस्तीफा देने और फिर 200 करोड़ रुपए की लागत वाले सभी शेयर्स कंपनी के 2251 कर्मचारियों को लौटाने का एलान कर सुर्खियों में आए थे।
राहुल ने इस्तीफा में कहा था- बोर्ड में काम करने लायक नहीं
राहुल ने मई की शुरुआत में ही एक पत्र लिख कर बोर्ड से इस्तीफा देने का फैसला लिया था। अपने इस्तीफे के साथ राहुल यादव ने एक चिट्ठी भी लिखी कि उनकी पूरी टीम कोई भी लॉजिकल काम करने के लायक नहीं है, इसलिए वे अपना कीमती वक्त बर्बाद नहीं कर सकते। उन्होंने लिखा था – मैं 7 दिनों तक और यहां हूं, ताकि इन पदों पर नई नियुक्ति में मदद कर सकूं। इसलिए जब तक मैं यहां हूं, आप लोग मेरा सहयोग करें। यादव ने यह भी कहा था, ‘मेरे जीवन में सिर्फ 3 लाख घंटे हैं और मैं उन घंटों को ऐसी टीम के साथ बर्बाद नहीं कर सकता।’ बाद में राहुल ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया था। हालांकि कुछ दिन पहले दोबारा उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
राहुल के पास housing.com की होल्डिंग कंपनी Locon Solutions के 4.57% शेयर्स हैं। राहुल ने housing.com की शुरुआत 2012 में की थी। फाउंडर मेंबर्स में आईआईटी मुंबई के उनके 4 साथी शामिल थे। इनमें से तीन पहले ही कंपनी छोड़ चुके हैं। housing.com ने अभी तक 760 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट हासिल किया है। इसकी वैल्यू 1500 करोड़ रुपए है।
क्या था शेयर बांटो चैलेंज?
क्या था शेयर बांटो चैलेंज?
राहुल यादव का ‘शेयर बांटो चैलेंज’ सोशल मीडिया पर चर्चा में आया था। आइस बकेट और राइस बकेट चैलेंज की तर्ज पर राहुल ने मई में एक फेसबुक पोस्ट लिखी। उनकी पोस्ट को दो हजार से ज्यादा लाइक्स मिले और तीन सौ से ज्यादा यूजर्स ने इसे शेयर किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा-‘अब मैं जोमैटो के दीपेंदर गोयल और ओला कैब्स के भावेश अग्रवाल को चुनौती देता हूं कि इस नेक काम को जारी रखने के लिए वे अपने आधे शेयर (पूरे नहीं) अपने कर्मचारियों को दे दें। और मैं उम्मीद करता हूं कि वे दोनों इस नॉमिनेशन को आगे बढ़ाएं।’ पोस्ट को गंभीरता से लेने के बजाए दोनों सीईओ के साथ ही ज्यादातर लोगों ने सोशल मीडिया में राहुल की जमकर खिंचाई कर डाली।
ओला के सीईओ ने राहुल के बारे में कहा- गिव दैट मैन अ कुकी
ऑनलाइन रेस्टोरेंट गाइड जोमैटो वेबसाइट के सीईओ और राहुल के दोस्त दीपेंदर गोयल ने जवाब में कमेंट लिखा-‘आ, सो क्यूट’ यानी ‘कितनी प्यारी बात कही’। ऐसे ही ऑनलाइन टैक्सी सर्विस ओला के सीईओ भावेश अग्रवाल ने भी कमेंट में ओबामा की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा-‘गिव दैट मैन अ कुकी।’ यानी ‘इस आदमी को बिस्कुट दिए जाएं’। इसके बाद तो राहुल और ‘शेयर बांटो चैलेंज’ की खिंचाई का सिलसिला ही चल निकला।
ओला के सीईओ ने राहुल के बारे में कहा- गिव दैट मैन अ कुकी
ऑनलाइन रेस्टोरेंट गाइड जोमैटो वेबसाइट के सीईओ और राहुल के दोस्त दीपेंदर गोयल ने जवाब में कमेंट लिखा-‘आ, सो क्यूट’ यानी ‘कितनी प्यारी बात कही’। ऐसे ही ऑनलाइन टैक्सी सर्विस ओला के सीईओ भावेश अग्रवाल ने भी कमेंट में ओबामा की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा-‘गिव दैट मैन अ कुकी।’ यानी ‘इस आदमी को बिस्कुट दिए जाएं’। इसके बाद तो राहुल और ‘शेयर बांटो चैलेंज’ की खिंचाई का सिलसिला ही चल निकला।
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