LIVE: चुनाव आयोग का फैसला, कांग्रेस के 2 बागी विधायकों के वोट रद्द, BJP को झटका

नई दिल्ली। गुजरात में राज्यसभा चुनाव पर दिनभर चले घमासान के बीच आखिरकार कांग्रेस की जीत हुई है और बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग ने कांग्रेस की अपील पर कार्रवाई करते हुए दोनों बागी विधायकों के वोट रद्द कर दिए हैं. राघव भाई पटेल  और भोलाभाई गोहिल का वोट रद्द हो गया है. हालांकि, दूसरी तरफ बीजेपी ने आयोग ने कांग्रेस की अपील पर गौर न करने की मांग की थी. इस फैसले के बाद अब वोटों की गिनती शुरू हो गई है. 2 बागी विधायकों के वोट रद्द करने के बाद अब 174 वोटों की गिनती हो रही है.

चुनाव आयोग के फैसले का जहां कांग्रेस ने स्वागत किया, वहीं बीजेपी ने इस पर सवाल उठाए. गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि आयोग का फैसला निराश करने वाला है. वीडियो को सार्वजनिक किया जाए.

 

वहीं इससे पहले बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह गांधीनगर में काउंटिंग सेंटर पहुंच गए थे. अमित शाह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ काउंटिंग सेंटर के बाहर बैठे रहे. उनके साथ गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी भी मौजूद थे.

ये है मामला

बता दें कि राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मतदान पूरा होने के बाद काउंटिंग नहीं हो पाई थी. जिसकी वजह कांग्रेस का विरोध है. कांग्रेस ने अपने 2 बागी विधायकों के वोट रद्द करने की मांग की है. कांग्रेस ने इस मामले की शिकायत चुनाव आयोग से शिकायत की थी. वहीं बीजेपी ने भी इस मसले पर चुनाव आयोग से मिलकर कांग्रेस के आरोपों पर कोई मौका न देने की मांग की थी. दोनों पार्टियों के नेता तीन-तीन बार आयोग पहुंचे थे.

दोबारा चुनाव आयोग पहुंचे रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमने आयोग से कहा है कि जल्दी से गिनती शुरू होनी चाहिए. कांग्रेस के सभी आरोप बेबुनियाद हैं. कांग्रेस पार्टी जो व्यवहार कर रही है, हम उसकी निंदा करते हैं. वहीं आयोग वीडियो फुटेज देख रहा है. अहमदाबाद से फुटेज को दिल्ली भेजा गया है.

EC से दूसरी मुलाकात के बाद कांग्रेस का बयान

दूसरी बार चुनाव आयोग से शिकायत करने के बाद कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि हरियाणा में भी ऐसा ही हुआ था, वहां वोट रद्द किया गया था. उन्होंने कहा कि हमारे पास सबूत के तौर पर वीडियो है. बीजेपी को बैलेट पेपर दिखाने पर वोट रद्द होना चाहिए. उन्होंने दोनों वोट रद्द होने के बाद काउंटिंग होने की मांग की. इस दौरान रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी पर ताकत का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया.

‘कांग्रेस में हार से हताशा’

वहीं कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल से पहले बीजेपी डेलीगेशन ने चुनाव आयोग से मुलाकात की. मुलाकात के बाद बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने बताया कि कांग्रेस पार्टी सुबह से बेबुनियाद आरोप लगा रही है. कांग्रेस हार की खबर से बौखला गई है, इसलिए उन्होंने आपत्ति जताई है. चुनाव आयोग से अपील की है कि इस आरोप पर कोई मौका नहीं दिया जाना चाहिए. रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस को कोर्ट जाकर मामले को चुनौती देने की चेतावनी दी.

बीजेपी डेलीगेशन के चुनाव आयोग जाने के बाद अब एक बार फिर कांग्रेस नेताओं का प्रतिनिधिमंडल आयोग जा रहा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, पी. चिदंबरम, आनंद शर्मा, रणदीप सुरजेवाला, राज बब्बर, अशोक गहलौत और आरपीएन सिंह चुनाव आयोग पहुंच रहे हैं. इससे पहले रणदीप सुरजेवाला और आरपीएन सिंह ने चुनाव आयोग जाकर कांग्रेस के दो विधायकों के वोट रद्द करने की अपील की थी.

कांग्रेस का आरोप है कि उनकी पार्टी के दो विधायकों ने अपने बैलेट पेपर बीजेपी के प्रिसाइडिंग ऑफिसर को दिखाए. इन विधायकों के नाम भोलाभाई गोहिल और राघवजी पटेल हैं. हालांकि, बीजेपी इन वोटों को सही बता रही है.

वहीं कांग्रेस का आरोप है कि उनकी पार्टी के दो विधायकों ने अपने बैलेट पेपर बीजेपी के प्रिसाइडिंग ऑफिसर को दिखाए. इन विधायकों के नाम भोलाभाई गोहिल और राघवजी पटेल हैं. हालांकि, बीजेपी इन वोटों को सही बता रही है.

पहली शिकायत के बाद कांग्रेस का बयान

रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि ये पूरा मामला कोड ऑफ कंडक्ट के तहत आता है. नियमों की धज्जियां उड़ाई गई हैं, ऐसे में ये वोट रद्द होने चाहिए. सुरजेवाला ने दावा किया कि दोनों विधायकों ने वोट डालने के बाद पार्टी नेताओं के बजाय अमित शाह को बैलेट दिखाया.

आरपीएन सिंह ने बताया कि चुनाव आयोग के सामने हमने वीडियो मंगाकर देखने की अपील की है. जिसके बाद आयोग ने रिटर्निंग ऑफिसर से बात करने का वादा किया है. आरपीएन ने कहा कि हम देखना चाहते हैं कि चुनाव आयोग प्रजातंत्र को बचाने का काम करता है या नहीं.

जीत पर आश्वस्त पटेल

अहमद पटेल ने कहा था कि हमने वोटिंग के तुरंत बाद ही इसका विरोध किया था. लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर ने कोई एक्शन नहीं लिया. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के आदेश तक इंतजार कीजिए. पटेल ने एक बार फिर कहा कि वो अपनी जीत को लेकर काफी आश्वस्त हैं.

जेडीयू विधायक के वोट पर सस्पेंस

जेडीयू विधायक छोटू वसावा ने दावा किया है कि उन्होंने अहमद पटेल को वोट दिया है. वहीं जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी का दावा एकदम उलटा है. उन्होंने कहा है कि जेडीयू विधायक ने बीजेपी उम्मीदवार को वोट दिया.

हालांकि, संविधान विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा करने पर वोट रद्द नहीं किए जा सकते हैं. हालांकि, ऐसे मामलों में पार्टी अपने विधायकों के खिलाफ जरूर कार्रवाई कर सकते हैं.

कांग्रेस विधायकों ने अमित शाह को दिखाए बैलेट

गुजरात कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल ने कहा है कि कांग्रेस के दोनों विधायकों ने अपने बैलेट पेपर अमित शाह को दिखाए. यानी उन्होेंने अमित शाह को दिखाकर वोट किए. गोहिल ने दावा किया कि अगर कोई वोटर दूसरी पार्टी के एजेंट को अपना बैलेट पेपर दिखाता है तो उसका वोट रद्द हो जाता है.

तीन सीट, चार उम्मीदवार

बता दें कि राज्यसभा की तीन सीटों पर चार उम्मीदवार खड़े हैं. बीजेपी की ओर से अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत पक्की मानी जा रही है. लड़ाई तीसरी सीट को लेकर है, जिस पर कांग्रेस नेता और सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल उम्मीदवार हैं. इस सीट पर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए बलवंत सिंह राजपूत उम्मीदवार हैं. बलवंत सिंह राजपूत सदन में कांग्रेस के मुख्य सचेतक हुआ करते थे.

NCP का वोट बंटा

कांग्रेस विधायकों की बगावत के अलावा एनसीपी ने भी कांग्रेस को झटका दिया है. एनसीपी ने बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन का ऐलान कर दिया है. हालांकि, बाद में एनसीपी के एक विधायक ने यूपीए के साथ रहने का दावा किया. वहीं दूसरी तरफ जेडीयू के एक विधायक ने भी कांग्रेस के पक्ष में वोट करने का दावा किया है.

कांग्रेस ने किया जीत का दावा

कांग्रेस महासचिव और गुजरात प्रभारी अशोक गहलोत ने दावा किया कि अहमद पटेल को 45 वोट मिलेंगे. गहलोत का दावा है कि 43 कांग्रेसी विधायकों, एक जेडीयू और एक एनसीपी के विधायक ने अहमद पटेल को वोट दिया. इस तरह 45 वोटों के साथ उनकी जीत निश्चित है. कांग्रेस का मानना है कि शंकर सिंह वघेला समेत 8 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की.

कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर

कांग्रेस के लिए ये लड़ाई इसलिए अहम हो जाती है क्योंकि 65 विधायकों के साथ कांग्रेस ने इस राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव और प्रभावशाली नेता अहमद पटेल को उम्मीदवार बनाया था. मगर 6 विधायकों के इस्तीफे और कई नेताओं के संपर्क से बाहर होने के कारण कांग्रेस का सियासी गणित गड़बड़ हो गया है. हालांकि पिछले 10 दिनों से कांग्रेस ने अपने 44 विधायकों को पहले बंगलुरु और अब आनंद के रिजॉर्ट में रखकर लड़ाई में बने रहने की कोशिश की है लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी.

क्या है सीटों का गणित

गुजरात से राज्यसभा की तीसरी सीट पर अहमद पटेल को जीतने के लिए 45 मत चाहिए. उनकी पार्टी के पास वर्तमान में 44 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. इनमें से कोई भी अगर क्रॉस वोटिंग नहीं करता है या ‘उपयुक्त में से कोई नहीं’ (नोटा) विकल्प का प्रयोग नहीं करता है, उस स्थिति में भी कांग्रेस को पटेल की जीत सुनिश्चित करने के लिए एक अतिरिक्त मत की जरूरत होगी.

संकट का वाघेला कनेक्शन

हाल ही में कांग्रेस छोड़ने का ऐलान करने वाले शंकर सिंह वाघेला की भूमिका भी इस लड़ाई में काफी अहम है. वाघेला ने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान भले ही किया है लेकिन वाघेला और उनके बेटे ने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है. बलवंत राजपूत वाघेला के रिश्तेदार हैं.

क्यों अहम है ये चुनाव

गुजरात में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राज्यसभा की इस चुनावी जंग ने सियासी सरगर्मियां काफी बढ़ा दी हैं. बीजेपी के लिए जहां ये अपना बर्चस्व बढ़ाने की कोशिश होगी वहीं कांग्रेस के लिए अपनी प्रतिष्ठा बचाने की जंग होगी.

 

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