NSA मीटिंग: पहले हुर्रियत नेताओं को नजरबंद किया, फिर हटाया पहरा

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच 23-24 अगस्त को होने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) स्तर की वार्ता के पहले जमकर ड्रामा हो रहा है। बुधवार देर रात अलगाववादी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी को नजरबंद करने के बाद गुरुवार सुबह मीरवाइज उमर फारूक समेत कई अन्य नेताओं के घर छापे मारने के बाद उन्हें भी नजरबंद कर दिया गया। हालांकि, कुछ घंटे में ही सरकार ने सभी हुर्रियत नेताओं के घरों से पहरा हटा लिया। जेकेएलएफ चीफ यासीन मलिक को भी हिरासत में लेकर नजदीक के एक पुलिस स्टेशन ले जाया गया था।
टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक, गिलानी और मीरवाइज की नजरबंदी हटा दी गई है। माना जा रहा है कि भारत ने यह कदम एनएसए लेवल मीटिंग को पटरी से उतरने से रोकने और पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के लिए उठाया था। इस दौरान, सरकार के भीतर और हुर्रियत नेताओं से हुई बातचीत के बाद उनके घरों से पहरा हटा दिया गया।
इसके पहले खबर आई थी कि भारत सरकार ने गिलानी को पाकिस्तानी एनएसए सरताज अजीज के बुलावे पर 23 अगस्त को नई दिल्ली में डिनर पर न जाने के लिए राजी कर लिया था। माना जा रहा था कि इस डिनर में मीरवाइज और शब्बीर शाह ही जाएंगे, जबकि सबसे बड़े अलगाववादी नेता गिलानी का इस मीटिंग से दूर रहना भारत के हक में होगा।
राजनीतिक कारणों से भी भारत पाकिस्तान के सामने भारत का पक्ष रखना चाह रहा है, न कि कश्मीरी अलगाववादियों का। दरअसल, पाकिस्तान ने एनएसए स्तर की वार्ता से पहले ही हुर्रियत के नेताओं को सरताज अजीज के साथ मीटिंग के लिए न्योता दिया था। इसी तरह की हरकत पर नाराजगी जाहिर करते हुए भारत ने पिछले साल तय हुई विदेश सचिव स्तर की वार्ता रद्द कर दी थी। हालांकि, मौजूदा हालात देखते हुए साफ नजर आ रहा है कि इस बार भारत मीटिंग रद्द करने के मूड में कतई नहीं है।
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