PM मोदी की विदेश यात्रा पर खर्च हुए 37 करोड़, ऑस्ट्रेलिया दौरा सबसे महंगा

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विदेश दौरे पर हुए खर्च पर सवाल उठाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खुद का दौरे अब सवालों के घेरे में आ गए हैं। एक आरटीआई के तहत यह खुलासा हुआ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं में एक साल में करीब 37 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। बताया जा रहा है कि पीएम के दौरों में ऑस्ट्रेलिया दौरा सबसे महंगा था। आरटीआई के तहत 16 देशों में बने भारतीय दूतावास से मिली जानकारी के मुताबिक, मोदी के विदेश दौरे में एक साल में 37.22 करोड़ रुपये खर्च हुए।
आरटीआई एक्ट के तहत रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर लोकेश बत्रा ने अलग-अलग दूतावासों में आवेदन करके मोदी के यात्रा के खर्चे की जानकारी मांगी थी। मोदी की सबसे महंगी यात्रा ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जर्मनी, फिजी और चीन की रही, जबकि सबसे कम खर्च वाला दौरा भूटान का था। इसके अलावा 39 लाख रुपये एसपीजी के लिए किराए पर कारें लेने में खर्च किए गए, जबकि तीन लाख रुपये मोदी के दौरे पर प्रसार भारती की कवरेज में खर्च हुए। जर्मनी में भारतीय दूतावास ने वीवीआईपी लोगों के लिए होटल किराए पर लेने में 1.31 लाख रुपये प्रतिदिन के हिसाब से खर्च किए।
चीन में मोदी के की टीम को होटल में ठहराने पर 1.06 करोड़ रुपये खर्च हुए, जबकि किराए पर ली गई गाड़ियों का खर्च 60.88 लाख रुपये था। एयरक्राफ्ट से जुड़े खर्चों पर 5.90 लाख और अधिकारियों के रोजाना खर्चों पर 9.80 लाख रुपये लगे। मोदी के बांग्लादेश दौरे पर 1.35 करोड़ रुपये खर्च हुए, यहां मोदी के रहने का खर्च 19.35 लाख रुपये था, जबकि 28.55 लाख रुपये सुनने और ट्रांसलेशन डिवाइस पर खर्च किए गए मोदी ने एक साल के 365 दिनों में से कुल 53 दिन विदेश में बिताए। आपको बता दें कि जून 2014 से जून 2015 के बीच मोदी ने 20 देशों का दौरा किया| इस संबंध में जब जापान, श्रीलंका, फ्रांस और दक्षिण कोरिया ने जानकारी मांगी गयी तो उन्होंने इनकार कर दिया|
गौरतलब है कि इससे पहले एक आरटीआई के तहत जानकारी माँगी गई थी जिससे पता चला कि पिछले नौ साल में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के विमान से किए गए विदेशी दौरों पर 642 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च हुई है। केंद्रीय सूचना आयोग ने हाल ही में दिए एक आदेश में मंत्रिमंडल सचिवालय से व्यापक जनहित के मद्देनजर मंत्रियों और अतिविशिष्ट व्यक्तियों (वीवीआईपी) की यात्रा पर हुए खर्च का ब्योरा सार्वजनिक करने के लिए कहा था। मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) सत्यानंद मिश्रा ने कहा था कि हमने देखा है कि राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसी रसूखदार हस्तियों की यात्रा को लेकर लोगों की गहरी दिलचस्पी रहती है। आरटीआई आवेदनों के जरिये अक्सर इन दौरों के बारे में जानकारी मांगी जाती है।
इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान विदेशी दौरों पर 223 करोड़ रुपये खर्च किए। इसके बाद वीआईपी दौरों को लेकर बहस शुरू हो गई थी। मनमोहन सिंह की यात्रा संबंधी सूची से पता चलता है कि वर्ष 2012 में वह जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए मैक्सिको और रियो प्लस 20 शिखर सम्मेलन के लिए ब्राजील गए थे। उनके इस सात-दिवसीय दौरे पर सबसे अधिक, 26.94 करोड़ रुपये खर्च हुए। मनमोहन 2010 में परमाणु सुरक्षा सम्मेलन, ब्रिक (बीआरआईसी) सम्मेलन और आईबीएसए सम्मेलन में भाग लेने के लिए अमेरिका के वाशिंगटन डीसी और ब्राजील गए थे। इस दौरे की हवाई यात्रा पर 22.70 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।
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