छठ पूजा से पहले इन नियमों से करें घाट की तैयारी, पूरी होंगी हर मुरादें

भगवान सूर्य और छठी मैया की उपासना का महापर्व यानी छठ आज से शुरू हो गया है। छठ पूजा भगवान सूर्य की उपासना का सबसे प्रसिद्ध त्‍योहार है।

भगवान सूर्य और छठी मैया की उपासना का महापर्व यानी छठ आज से शुरू हो गया है। छठ पूजा भगवान सूर्य की उपासना का सबसे प्रसिद्ध त्‍योहार है। इस त्‍योहार को षष्ठी तिथि पर मनाया जाता है, जिस कारण इसे सूर्य षष्ठी व्रत या छठ कहा गया है। कार्तिक शुक्लपक्ष की षष्ठी पर मनाए जाने वाले इस त्‍योहार को कार्तिकी छठ कहा जाता है। ये व्रत संतान प्राप्ति और संतान की मंगलकामना के लिए रखा जाता है। जो लोग घाट का निर्माण करते हो उन्हें कुछ नियमों का भी पालन करना चाहिए। जानिए

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घाट बनाने को लेकर ना करें आपस में कहा सुनी। कई बार छठ घाट को बनाते समय लोग आपस में कहासुनी कर लेते हैं। ऐसे करने से छठ मैय्या प्रसन्न होने की बजाय नाराज हो जाती हैं। दरअसल छठ मैय्या के लिए सभी उनके बच्चे हैं इसलिए सभी को मिलकर छठ पूजा की और घाट की तैयारी करनी चाहिए।

जिस स्थान पर आप घाट बनाने जा रहे हैं वहां आस-पास के क्षेत्र की पहले साफ-सफाई कर लें। घास-फूस, गंदगी को साफ करके दूर फेंक दें जहां लोग आते-जाते ना हों। अगर दूर फेंकना संभव ना हो तो गड्ढा खोकर भूमि में दबा दें। बहुत से लोग घाट साफ करके गंदगी को जल में फेंक देते हैं। जल में गंदगी फेंकने से वरुण देवता और छठ मैय्या का अपमान होता है। जिस जल धारा में छठ पर्व मनाने जा रहे हैं यह उस जल धारा का भी अपमान होता है क्योंकि इसी जलधारा में छठ व्रती को खड़े होकर सूर्यदेव को अर्घ्य देना होता है। धार्मिक दृष्टि के अलावा यह भी सोचना चाहिए कि जल में गंदगी डालने से जो व्रती जल में खड़े होंगे उन्हें भी शारीरिक कष्ट हो सकता है।

घाट को साफ करने के बाद पूरे घाट पर गंगा जल का छिड़काव करना चाहिए। इससे घाट की अशुद्धता और नकारात्मकता दूर होती है। इसके बाद गोबर से घाट को लीपना चाहिए। घाट छठ मैय्या का मंदिर होता है।

 

 

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