आज ही के दिन मोदी सरकार में हुआ था ‘देश का सबसे बड़ा घोटाला’, याद आते ही सहम जाते हैं लोग

साल 2014 से लेकर अबतक केंद्र की मोदी सरकार ने कई ऐसे बड़े और चौंकाने वाले फैसले लिए जिनमें से कुछ को जनता ने सराहा तो कुछ के खिलाफ सड़कों पर आ गई.

साल 2014 से लेकर अबतक केंद्र की मोदी सरकार ने कई ऐसे बड़े और चौंकाने वाले फैसले लिए जिनमें से कुछ को जनता ने सराहा तो कुछ के खिलाफ सड़कों पर आ गई. उन्हीं फैसलों में आज ही के दिन 8 नवंबर 2016 को की गई नोटबंदी भी शामिल है. नोटबंदी के फैसले ने पूरे देश को हैरत में डाल दिया था. 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे देश के प्रधानमंत्री ने देशवासियों को संबोधित करते हुए 500 और 1000 के नोटों को चलन से बाहर करने का फैसला सुनाया था. इस फैसले के बाद पूरे देश में अफरा-तफरी मच गई और लोगों की लंबी-लंबी लाइनें बैंकों के बाहर लग गई.

पीएम मोदी के ये सारे मकसद या ये कहें कि, सपने पूरी तरह से धराशायी हो गए. क्योंकि न तो काला धन वापस आया और न ही आतंकवाद पर लगाम लगी, लेकिन इतना जरूर हो गया कि, देश ने डिजिटल पेमेंट को जरूर अपना लिया.

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कांग्रेस ने लगाए थे ये आरोप

नोटबंदी के छह महीने गुजर जाने के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर कई आरोप लगाए थे. कांग्रेस के प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा था कि, प्रधानमंत्री के अहंकार के कारण देश का नुकसान हुआ और वित्त मंत्री क्षतिपूर्ति करने में नाकाम रहे लेकिन प्रधानमंत्री के गलत फैसलों के पैराकर बने रहकर खुश हैं.

जीडीपी दर में आई थी भारी गिरावट

कांग्रेस ने ये भी आरोप लगाया कि, नोटबंदी की वजह से जो जीडीपी दर 8 प्रतिशत से ज्यादा थी वह गिरकर 5.7 प्रतिशत हो गई लेकिन तब भी नोटबंदी को सही फैसला बताने वाले लोग उछल कूद कर रहे हैं.विपक्ष ने नोटबंदी को देश का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया और कहा कि, सरकार ने इसके जरिये अपने अवैध रुपयों को वैध बनाने के लिए गलत लोगों की मदद की और झूठे वादे करके देश के गरीब लोगों के साथ धोखा किया है.

 

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