आंवला नवमी पर इस भगवान की पूजा करने से पूरी होती हैं संतान और धन की कामनाएं

कार्तिक मास के सोमवार को अक्षय आंवला नवमी मनाई जा रही है। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं, आरोग्यता और सुख-समृद्धि बनी रहती है

कार्तिक मास के सोमवार को अक्षय आंवला नवमी मनाई जा रही है। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं, आरोग्यता और सुख-समृद्धि बनी रहती है।आंवला नवमी पर आंवले के पेड़ के नीचे पूजा और भोजन करने की प्रथा की शुरुआत माता लक्ष्मी ने की थी। कथा के अनुसार, एक बार मां लक्ष्मी पृथ्वी पर घूमने के लिए आईं। धरती पर आकर मां लक्ष्मी सोचने लगीं कि भगवान विष्णु और शिवजी की पूजा एक साथ कैसे की जा सकती है।

मात्र यही ऐसा फल है जो सामान्यतः नुकसान नहीं करता है

आंवले का फल पौराणिक दृष्टिकोण से रत्नों के समान मूल्यवान माना जाता है।  कहते है कि शंकराचार्य ने इसी फल को स्वर्ण में परिवर्तित कर दिया था। इस फल का प्रयोग कार्तिक मास से आरम्भ करना अनुकूल माना जाता है। इस फल के सटीक प्रयोग से आयु, सौन्दर्य और अच्छे स्वस्थ्य की प्राप्ति होती है।  मात्र यही ऐसा फल है जो सामान्यतः नुकसान नहीं करता है।

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अगर धन का अभाव हो तो हर बुधवार को भगवान को आंवला अर्पित करें।  अगर उत्तम स्वास्थ्य चाहिए तो कार्तिक माह में आंवले के रस का नियमित प्रयोग करें। आंवले के वृक्ष के नीचे शयन, विश्राम और भोजन करने गोपनीय से गोपनीय बीमारियां और चिंताएं दूर होजाती हैं।  आंवले के फल को दान देने से मानसिक चिंताएं दूर होती हैं। आंवले का चूर्ण खाने से वृद्धावास्था का प्रकोप नहीं होता है।

दूर होती है गरीबी

कार्तिक मास में आंवले को भोजन में शामिल करें अथवा आंवले के रस में तुलसी मिलाकर सेवन करें।  कार्तिक में आंवले का पौधा लगाने से संतान और धन की कामनाएं पूर्ण होती हैं। आंवले के फल को सामने रखकर कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से दरिद्रता दूर होती है।  अगर कर्ज से परेशान हों तो घर में आंवले का पौधा लगाएं। इसमें रोज सुबह जल डालें।

 

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