अब नागपुर में खुलेगा आयुर्वेद विवि, गडकरी ने भी दिया केंद्र से मदद का आश्वासन

नागपुर में खुलेगा आयुर्वेद विवि, गडकरी ने भी दिया केंद्र से मदद का आश्वासन

photo ab nagpur meतहलका एक्सप्रेस, डॉ इब्राहीम जहगीरदार

नागपुर। राज्य में आयुर्वेद विश्वविद्यालय शुरू करने की मुहिम को दो बड़े मंत्रियों का बल मिला है। जहां एक ओर राज्य के मुख्यमंत्री देवंंेद्र फडणवीस ने इसके लिए सकारात्मक विचार करने की बात कही है, वहीं केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने भी केंद्र सरकार से इसके लिए मदद दिलाने का आश्वासन दिया है। शुक्रवार को शहर के श्री आयुर्वेद महाविद्यालय की स्वर्ण जयंती महोत्सव कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों में दोनों नेता प्रमुख अतिथि थे।

हाल ही में एम्स की सौगात नागपुर शहर को मिली है। अगर आयुर्वेद विश्वविद्यालय भी विदर्भ में शुरू किया जाता है, तो क्षेत्र का विकास होगा और नागपुर चिकित्सा हब बनने की िदशा में आगे बढ़ेगा, ऐसे विचार महोत्सव में उपस्थित डॉक्टरों ने बातचीत में व्यक्त िकए।

महाराष्ट्र में आयुर्वेद विद्यापीठ स्थापित करने को लेकर राज्य सरकार सकारात्मक विचार कर रही है। यह विद्यापीठ पूर्ण रूप से सरकारी हो या आयुर्वेद क्षेत्र में काम कर रहे अनेक व्यक्ति इसके लिए साथ आएं या फिर नए विद्यापीठ अधिनियम के तहत इसकी स्थापना हो, इस दिशा में सरकार विचार करेगी। राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आयुर्वेद महाविद्यालय के कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद क्षेत्र में शोध होना जरूरी है। इसी तरह विदर्भ के गड़चिराेली जैसे क्षेत्रों में अनेक वनस्पतियां उपलब्ध हैं, जिनका प्रयोग औषधि निर्माण के लिए अधिक से अधिक होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि 174 देशों ने योग काे अपनाया है, लेकिन भारत में अभी भी इसके प्रति लोगों में जागरूकता नहीं है।

स्वथ्य जीवन के लिए योग को अपनाने की जरूरत है। कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय वैद्यक समन्वय समिति (भा.वै.स.स) ने की। संस्था के सचिव डॉ. गोविंद प्रसाद उपाध्याय प्रमुख रूप से मंच पर उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा आयुर्वेद क्षेत्र मंे उल्लेखनीय कार्य करने वाले 10 वैद्यों का सम्मान किया गया। साथ ही संस्था की स्मरणिका “बखर’ का मुख्यमंत्री द्वारा विमोचन किया गया

कार्यक्रम में महाराष्ट्र अारोग्य विज्ञान विद्यापीठ के प्र-कुलगुरु डॉ. शेखर राजदेरकर ने मार्गदर्शक भाषण दिया। डॉ. सुरेश शर्मा, प्राचार्या डॉ. मनीषा कोठेकर आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। श्री गडकरी द्वारा रसौषधि स्मरणिका का विमोचन भी किया गया।

विद्यापीठ की मांग जायज

उक्त कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी द्वारा किया गया। श्री गडकरी ने आयुर्वेदिक संशोधनों को डिजिटल करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में अधिक से अधिक संशोधनों की जरूरत है, डिजिटलाइजेशन के माध्यम से ही युवाओं में आयुर्वेद क्षेत्र के महत्वपूर्ण संशोधनों को युवाओं तक पहुंचाया जा सकता है। आयुर्वेद के इलाज व इसमें करियर को लेकर जागरुकता फैलानी होगी। उन्हाेनें जेनरिक दवाओं के उपयोग पर जोर िदया। उन्हाेनें कहा कि सस्ता व अच्छा इलाज हर नागरिक का अधिकार है। जो डॉक्टर इसका विराेध कर रहे हैं, वे गलत है। राज्य में आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय शुरू करने पर उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक विद्यापीठ की मांग जायज है। केंद्र सरकार इसके लिए जरूर मदद करेगी। साथ उन्होनें कहा कि ही राज्य के मांडवा क्षेत्र में आयुर्वेदिक व योगविज्ञान केंद्र के लिए जमीन देखी गई है। श्री श्री रविशंकर व स्वामी रामदेव से इसके लिए चर्चा चल रही है, जल्द ही इस पर भी काम शुरू होगा।

 

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