..तो अप्रैल में होंगे UP विधान सभा चुनाव!

यूपी बोर्ड सचिव शैल यादव ने बताया कि परीक्षाएं तय समय से शुरू होकर निर्धारित समय पर समाप्त हो जाएंगी ताकि जल्द से जल्द परीक्षा का नतीजा दिया जा सके।
जाहिर है सरकारी टीचर्स, प्रशासनिक अधिकारियों को इलेक्शन ड्यूटी में लगाया जाता है। इलेक्शन्स के दौरान न टीचर्स परेशान हों और न ही बच्चे इसकी मांग भी समय-समय पर विधानसभा में उठती रही है। अब ऐसे में यूपी बोर्ड परीक्षाओं को फरवरी में करा कर एक महीने के आसपास निर्णय भी घोषित कर दिए जाएंगे। ऐसा होने पर चुनाव के लिए आयोग को आराम से अप्रैल माह मिल सकता है।
वहीं दूसरी ओर संविधान के मुताबिक 28 मई से पहले पहले नए सदन का गठन भी करना है क्योंकि 16वी विधानसभा का पहला सत्र 28 मई 2012 को ही हुआ था। ऐसे में अप्रैल में चुनाव कर मई के बीच तक चुनावी निर्णय लिया जा सकता है।
बीते चार साल की तुलना में सबसे पहले यूपी बोर्ड की परीक्षा इस साल कराने की तैयारी है।-2012 में परीक्षाएं 16 मार्च से 20 अप्रैल के बीच हुई और परिणाम जून के पहले सप्ताह में आया।
-2013 में परीक्षाएं 12 मार्च से 28 अप्रैल के बीच हुई और परिणाम जून के पहले सप्ताह में आया।
-2014 में परीक्षाएं 3 मार्च से 4 अप्रैल के बीच हुई और परिणाम30 मई को आया।
-2015 में परीक्षाएं सत्र को पहले करने के चलते 19 फरवरी से 11 मार्च के बीच हुई और परिणाम 17 मई को आया।
अब एक बार फिर परीक्षाएं इस दौरान करने की घोषणा हुई है और अगर परिणाम मध्य मार्च तक आता है तो ऐसे में चुनाव के लिए अप्रैल माह सटीक रहेगा। ऐसे में अप्रैल माह में चुनाव होने के कयासों को बल मिलता दिख रहा है।
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