दादरी जैसी घटनाएं होती रहती हैं: पीयूष पांडे

नई दिल्ली।देश में विज्ञापनों को रचने के सबसे बड़े विशेषज्ञों में से एक माने जाने वाले पीयूष पांडे का कहना है कि दादरी की घटना अपने तरह की कोई पहली घटना नहीं है। इस तरह की घटनाएं हर साल होती रहती हैं।
ओगिल्वी ऐंड मेथर के एग्जिक्युटिव प्रेजिडेंट और क्रिएटिव डायरेक्टर पीयूष पांडे ने अपनी किताब ‘पांडेमोनियम’ के विमोचन के बाद यह बात कही। ऐड गुरु ने कहा कि वह इनमें से किसी भी घटना को माफ नहीं कर रहे हैं लेकिन, ‘मैं 1984 के सिख दंगों की बात कर सकता हूं, भागलपुर की हिंसा या भोपाल गैस त्रासदी की बात कर सकता हूं। यह होता रहता है, सत्ता चाहे जिस किसी की भी हो।’
‘पांडेमोनियम’ में ‘चल मेरी लूना’, कैडबरी, फेवीकोल, एशियन पेंट्स के तमाम चर्चित विज्ञापनों के बारे में जानकारी दी गई है। 2014 के लोकसभा चुनाव में पीयूष पांडे ने भारतीय जनता पार्टी के विज्ञापनों की जिम्मेदारी संभाली थी जिसकी टैगलाइन ‘अच्छे दिन आने वाले हैं’ थी। उन्होंने कहा कि बीजेपी उनकी पंसद की राजनैतिक पार्टी है और इसकी वजह इसका विकास का एजेंडा है। उन्होंने कहा कि वह चुनाव में बीजेपी की जीत का श्रेय नहीं लेना चाहते।
पीयूष ने कहा, ‘आप केवल अच्छा सामान ही बेच सकते हैं, खराब नहीं। पूरा प्रयास सामूहिक था। ‘अच्छे दिन’ ‘जनता माफ नहीं करेगी’ जैसी बातें रोजमर्रा के जीवन की छोटी छोटी बातों से आईं। इसीलिए इन्होंने लोगों से रिश्ता बना लिया। ‘अबकी बार मोदी सरकार’ कोई रॉकेट साइंस नहीं है। यह बीजेपी का फैसला था कि मोदी के नेतृत्व में चलना है, इसलिए यह लाइन लिखी गई।’
पीयूष, प्रधानमंत्री मोदी के बहुत बड़े प्रशंसक हैं। उन्होंने बताया कि मोदी से उनका निजी संबंध है। गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान एक पर्यटन विज्ञापन के लिए काम करने के दौरान उन्होंने मोदी को बेहद प्रोफेशनल पाया। मोदी हर बात पर नजर रखते थे।
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