नॉर्थ कोरिया के ऊपर से US बॉम्बर्स ने भरी उड़ान, हालात पर ट्रंप ने की अहम चर्चा

सियोल/वॉशिंगटन। अमेरिका-नॉर्थ कोरिया के बीच तनाव बरकरार है. मंगलवार की देर रात अमेरिकी मिलिट्री के बॉ़म्बर्स ने नॉर्थ कोरिया के पेनिसुला इलाके के ऊपर फ्लाई किया. अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की. बता दें कि ऐसा यूएस के मिलिट्री प्लेन ने तब किया जब कुछ देर पहले ही प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने मीटिंग की थी. उस मीटिंग में उन्होंने अधिकारियों के साथ इस बात पर चर्चा की थी कि नॉर्थ कोरिया की किसी धमकी का कैसे जवाब दिया जाए?

नॉर्थ कोरिया की हालिया हलचलों से अमेरिका परेशान

हाल के दिनों में नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने हलचल बढ़ा दी है. कुछ हफ्ते पहले किम जोंग उन के आदेश पर जापान के ऊपर से नॉर्थ कोरिया ने मिसाइल छोड़ा. इससे पहले छठवीं बार परमाणु टेस्ट भी किया था. नॉर्थ कोरिया लगातार ऐसी मिसाइलें बना रहा है जो सीधे अमेरिका तक हमले में सक्षम होंगी. इसी कारण अमेरिका इससे परेशान है.

कितने ताकतवर हैं अमेरिकी बॉम्बर्स

अमेरिकी एयरफोर्स के दो बॉम्बर्स B-1B और फाइटर प्लेन  F-15K ने उड़ान भरी. ये साउथ कोरिया के गुआम एयरबेस पर अपना ठिकाना बनाए हुए हैं. बुधवार को साउथ कोरिया के ज्वाइंट चीफ की ओर से जारी बयान में बॉम्बर्स के फ्लाई करने की पुष्टि की गई. साउथ कोरिया के एयरस्पेस में प्रवेश के बाद दो बॉम्बर्स ने पूर्वी तट पर एयर-टू-ग्राउंड मिसाइल ड्रिल भी की.

नॉर्थ कोरिया-अमेरिका में तनाव क्यों?

नॉर्थ कोरिया अमेरिका को लगातार चुनौती देता रहा है. ओबामा के बाद ट्रंप प्रशासन में भी किम जोंग उन ने हथियारों के विस्तार कार्यक्रम को बंद नहीं किया है. पिछले साल जनवरी में नॉर्थ कोरिया ने हाइड्रोजन बम का टेस्ट किया था. ट्रंप की चेतावनी के बाद भी नॉर्थ कोरिया हथियारों के विस्तार कार्यक्रम से पीछे नहीं हट रहा है. साउथ कोरिया, अमेरिका और जापान जैसे देश इसे लेकर कई बार यूएन में शिकायत कर चुके हैं. इस साल उत्तर कोरिया ने पांच परमाणु और एक मिसाइल सीरीज के परीक्षण की शुरूआत की. पिछले दिनों किम जोंग उन ने कहा था- कुछ भी हो वे कहीं भी और कभी भी परमाणु टेस्ट कर सकते हैं.

25 सालों से विफल रही अमेरिकी नीति

हाल ही में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा था कि उत्तर कोरिया को लेकर अमेरिकी नीति पिछले 25 सालों से विफल रही है. इसके कारण उत्तर कोरिया परमाणु हथियार बनाने में सक्षम रहा है. उन्होंने कहा हम अरबों डॉलर दे चुके हैं, लेकिन बदले में कुछ नहीं मिला. हमारी नीति ने काम नहीं किया.

 

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