शरद पवार ने कहा, किसी भी हाल में बीजेपी को समर्थन नहीं पर पहले क्यों भाजपा को समर्थन देने की बात की थी

मुंबई। शिवसेना और बीजेपी में मतभेद की खबरों के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने साफ किया है कि गठबंधन टूटने की दशा में भी वह भाजपा का सपोर्ट नहीं करने वाले। परन्तु महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव के नतीजे आने से पहले क्यों पावर साहब भाजपा को सपोर्ट करने को तैयार थे उनकी किया मजबूरी थी हकीकत तो यह है कि उस समय विनोद तावडे को पुलिस खाते का मंत्री बनाय जाने की चर्चा थी जिस पर विनोद तावडे ने अजित पावर को जेल में डालने की धमकी देते हुए भाषण दिया था यही वजह है की पावर ने भाजपा को सपोर्ट करने की बात की थी पवार ने शिवसेना पर निशाना साधते कहा कि, राज्य में सूखे की समस्या गंभीर बनी हुई है, एसे से हालात में शिवसेना महाराष्ट्र की सरकार को अस्थिर बनाने का प्रयास कर रही है।
आगे पवार ने कहा कि जब बीजेपी महाराष्ट्र में सत्ता में आई तभी शिवसेना को उनके साथ खड़े होने पर फैसला लेना चाहिए था। एक साल पहले राज्य में स्थिर सरकार की जरूरत थी इसीलिए हमने बिना शर्त बीजेपी को समर्थन देने की बात की थी, लेकिन अब वह समस्या नहीं है।
शिवसेना की मंशा पर सवाल उठाते हुए एनसीपी अध्यक्ष ने, “राज्य की सरकार गिरेगी नहीं। बीजेपी और शिवसेना दोनों सत्ता से चिपके रहना चाहती हैं। दोनों लड़ेंगे, एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करेंगे लेकिन सत्ता नहीं छोड़ेंगे। अगर एेसा होता भी है तो एनसीपी किसी भी हाल में बीजेपी को समर्थन नहीं देगी।”
कसूरी की किताब की लॉन्चिंग को लेकर भी पवार ने कहा कि यह सारा मामला अशोभनीय था, लेकिन बीजेपी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती।
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