संसद में विपक्ष एकजुट: कांग्रेस का धरना, लेफ्ट और एसपी ने किया वॉकआउट

congress4तहलका एक्सप्रेस प्रतिनिधि, नई दिल्ली। लोकसभा में तख्तियां लहराने वाले कांग्रेस के 25 सदस्यों के निलंबन से विपक्ष का गुस्सा और भड़क गया है। इस फैसले का विरोध करते हुए मंगलवार को जहां लेफ्ट पार्टियों, समाजवादी पार्टी और आरजेडी के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया, वहीं कांग्रेस के सांसदों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में संसद भवन परिसर में धरना दिया। कांग्रेस का कहना है कि संसद से पार्टी के सभी सदस्यों को बाहर किए जाने के बाद भी बीजेपी नेताओं के इस्तीफे की मांग कमजोर नहीं पड़ेगी। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने राज्यसभा में भी खूब हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई।
मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर लेफ्ट, समाजवादी पार्टी और आरजेडी सदस्य इस विषय को उठाना चाहते थे, लेकिन अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसे अस्वीकार करते हुए कहा कि वे इसे प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल में उठा सकते हैं। प्रश्नकाल की कार्यवाही के दौरान ही आरजेडी के जयप्रकाश नारायण यादव ने ‘निलंबन वापस लो’ का नारा लगाना शुरू कर दिया। इसके बाद लेफ्ट और समाजवादी पार्टी के सदस्य भी इसमें शामिल हो गए। विपक्षी सदस्य अपने स्थान से ही नारेबाजी कर रहे थे। इसके बाद इन सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया। हालांकि, इस दौरान एआईएडीएमके और बीजेडी सदस्य सदन में मौजूद थे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के 25 सदस्यों को निलंबित करने के स्पीकर सुमित्रा महाजन के फैसले को ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘संसद की कार्यवाही चलाना सरकार की जिम्मेदारी है। हमारे सांसदों का निलंबन अलोकतांत्रिक है।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने संसद परिसर में धरने के दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, ए के एंटनी और आनंद शर्मा के साथ स्पीकर के फैसले के खिलाफ नारे भी लगाए। धरने में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी हिस्सा लिया। राहुल गांधी ने कहा, ‘हम अपने रुख से पीछे नहीं हटेंगे, जहां तक भ्रष्टाचार के मुद्दों का सवाल है और सुषमा व व्यापम का विषय है, हमारे दबाव में कोई कमी नहीं आएगी।’ मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि इस्तीफा कांग्रेस पार्टी नहीं बल्कि देश की जनता मांग रही है।
राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री को देश के ‘मन की बात’ सुननी चाहिए। धरना दे रहे नेता ‘वी वॉन्ट जस्टिस, तानाशाह शर्म करो’ जैसे नारे लगा रहे थे। कांग्रेस सदस्यों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष बैठकर धरना दिया। सदस्य अपनी बांह पर काली पट्टी बांधे हुए थे। समाजवादी पार्टी और आरजेडी के सदस्यों ने भी कांग्रेस सांसदों के साथ धरने में हिस्सा लिया। मुलायम सिंह यादव ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष का फैसला कानून सम्मत नहीं है। मुलायम ने कहा कि उन्होंने स्पीकार से निलंबन पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है। दूसरी तरफ, बीजेपी संसदीय दल ने कांग्रेस पर नकारात्मक, अवरोधक और विकास विरोधी होने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ आज एक प्रस्ताव पारित किया। उसने कहा कि कांग्रेस का रवैया भारत के दुनिया की महत्वपूर्ण ताकत बनने के प्रयासों में बाधक साबित होगा। बीजेपी ने कांग्रेस के शासनकाल में ‘आपातकाल’ लगाए जाने की याद दिलाते हुए उसकी आलोचना की। बीजेपी संसदीय दल की बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया है, ‘कांग्रेस ने एक जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाने की जिम्मेदारी को त्याग दिया है और संसद, विशेष तौर पर राज्यसभा में अपने संख्या बल का इस्तेमाल कर रही है।’

 

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