CM अखि‍लेश के गांव सैफई से जुड़े व्‍यापमं के तार, 20 छात्रों से हुई है पूछताछ

फाइल फोटो: सैफई का रिम्स एंड आर मेडिकल कॉलेज।
फाइल फोटो: सैफई का रिम्स एंड आर मेडिकल कॉलेज।
तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, लखनऊ/इटावा। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले के तार अब यूपी के सीएम अखिलेश यादव के पैतृक गांव सैफई से जुड़ने लगे हैं। यहां के ‘रिम्स एंड आर’ के 20 डॉक्टर्स और मेडिकल स्टूडेंट्स से मध्य प्रदेश एसटीएफ ने पूछताछ की है। इनमें से कई को जमानत भी लेनी पड़ी। ये सभी 2008 से 2013 बैच के हैं। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आरके शुक्ला ने इसकी पुष्टि की है। बताते चलें कि व्यापमं घोटाले में कानपुर, लखनऊ सहित कई मेडिकल कॉलेजों के छात्रों पर एसटीएफ की निगाह है। इन छात्रों ने दूसरे छात्रों के नाम पर परीक्षा दी थी।
जांच के दौरान पता चला था कि सैफई के सात अभ्यर्थियों ने एप्लिकेशन फॉर्म में कॉमन ईमेल आईडी के रूप में [email protected] लिखा था। यह आईडी सैफई में यूपी रूरल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर के स्टूडेंट हशमत अली की थी। हशमत अली ने पीएमटी 2013 में 200 में 155 स्कोर किया था। एप्लिकेशन फॉर्म में इस आईडी का जिक्र करने वाले बाकी छह अभ्यर्थी आलोक कुमार नाथ, आशुतोष कुमार, मोहम्मद कालिम, मनीष यादव, जितेंद्र सिंह, संजय नेगी और चांद बाबू ने भी परीक्षा पास की थी। वहीं, व्यापमं घोटाले के यूपी कनेक्शन के रूप में कानपुर सबसे आगे दिख रहा है। घोटालेबाजों की मदद के लिए सॉल्वर के तौर पर काम करने वाले करीब 125 संदिग्धों में 58 से ज्यादा कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (जीएसवीएम) के हैं। इनमें से कुछ वर्तमान छात्र और कुछ पूर्व छात्र रह चुके हैं। इसके अलावा लखनऊ और आगरा मेडिकल कॉलेज के कुछ छात्र भी एसटीएफ के रडार पर हैं। लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के कई छात्रों को एसटीएफ गिरफ्तार भी कर चुकी है। व्यापमं घोटाले में कानपुर का कनेक्शन पहली बार जुलाई 2011 में सामने आया था। साल 2009 में व्यापमं ने अनियमितताओं की जांच के लिए कमिटी बनाई थी। इसके बाद ही कानपुर के मेडिकल छात्रों का नाम सामने आने लगा। व्यापमं के व्हिसल ब्लोअर आनंद राय के मुताबिक, कमिटी की जांच-पड़ताल के दौरान 145 संदिग्ध सामने आए, जिन्होंने प्री-मेडिकल टेस्ट दिया था। इनमें कानपुर के सत्येंद्र वर्मा सहित आठ संदिग्धों को पकड़ा गया था। पूछताछ के दौरान सत्येंद्र ने कबूल किया था कि इंदौर में आशीष यादव के बदले परीक्षा में बैठने के लिए उसने चार लाख रुपए लिए थे।
फाइल फोटो: कानपुर का जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।
फाइल फोटो: कानपुर का जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।
आरोपी के घर कुर्की का नोटिस चस्पा
 वहीं, व्यापमं घोटाले में ही देवरिया जिले के आरोपी छात्र प्रभात कृष्ण शर्मा की तलाश में एमपी एसटीएफ गांव खुखुंदू के उसके घर पहुंची। गांववालों से पूछताछ के बाद पुलिस टीम ने आरोपी के घर संपत्ति कुर्क करने का नोटिस चस्पा कर दिया। पुलिस टीम ने आरोपी के घरवालों को अल्टीमेटम दिया है कि अगर 27 तारीख तक वो हाजिर नहीं हुआ, तो संपत्ति कुर्क करने का एलान कर दिया जाएगा। प्रभात कृष्ण शर्मा पर आरोप है कि उसने दूसरे छात्र की जगह एमबीबीएस परीक्षा दी थी। जबकि, एक दूसरा छात्र प्रभात बन कर परीक्षा में शामिल हुआ था। तब से प्रभात फरार चल रहा है। उसकी तलाश में एमपी पुलिस कई बार दबिश भी दे चुकी है, लेकिन अब तक उसका कोई पता नहीं चल सका है। गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 82 के तहत कार्रवाई की इजाजत मांगी है। कोर्ट ने 27 जुलाई तक आरोपी के हाजिर न होने पर संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है।
 

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