PAK के पूर्व विदेश मंत्री का दावा- बंटवारे पर नेहरू से नाराज थे पाकिस्तानी हिंदू


बुक लॉन्च से पहले क्या हुआ विवाद?
लॉन्चिंग इवेंट के ऑर्गनाइजर सुधींद्र कुलकर्णी सोमवार सुबह अपने घर से दफ्तर जा रहे थे। तभी शिवसैनिकों ने रास्ता रोककर उनके चेहरे पर स्याही पोत दी थी। विवाद बढ़ा तो सीएम देवेंद्र फड़णनवीस ने शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की। खबर आई कि शिवसेना विरोध वापस ले सकती है। लेकिन पार्टी सांसद संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कुलकर्णी को पाकिस्तान का एजेंट करार दिया। कहा- विरोध वापस नहीं लेंगे। पाकिस्तानी राइटर का यहां इवेंट कराना शहीदों का अपमान है। हालांकि, सीएम के भरोसे के बाद कड़ी सुरक्षा मुहैया कराई गई और मुंबई के नेहरू सेंटर में बुक लॉन्चिंग इवेंट हुआ।
बुक लॉन्चिंग में कौन हुआ शामिल?
कुलकर्णी पर शिवसैनिकों द्वारा स्याही पोतने के बाद इस पर नजरें थीं कि कसूरी की बुक लॉन्चिंग में कौन शामिल हो सकता है। प्रोग्राम शुरू हुआ तो वहां कसूरी के अलावा आयोजक सुधींद्र कुलकर्णी, पाकिस्तान से जुड़े मामलों के एक्सपर्ट एजी नूरानी, पत्रकार दिलीप पडगांवकर और बॉलीवुड एक्टर नसीरूद्दीन शाह नजर आए।
कसूरी ने क्या कहा?
इस मौके पर कसूरी ने कहा कि गलतफहमियों को दूर करना इस किताब को लिखने के पीछे मकसद था। उन्होंने कहा, ‘मैं इस किताब की कॉपी भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, यशवंत सिन्हा, एलके आडवाणी और नटवर सिंह को भेज चुका हूं। भरोसा बढ़ाने का यही एक जरिया है।’
‘बंटवारे को लेकर पंडित जी से नाराज थे पाकिस्तानी हिंदू’
कसूरी ने दावा किया, ‘पाकिस्तान के हिंदू बंटवारे को लेकर पंडित जवाहरलाल नेहरू से नाराज थे। वे एक बार लाहौर आए थे क्योंकि वे जानते थे कि हिंदू उनसे नाराज हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि गांधी और जिन्ना ने मुंबई में वक्त गुजारा था। कसूरी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में नॉन स्टेट प्लेयर्स की कोई जगह नहीं है। दोनों देशों ने इतिहास की हत्या की है। यही वजह है कि वे इस हालत में हैं। बता दें कि 26 नवंबर, 2008 को मुंबई पर पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने हमला किया था। पाकिस्तान ने उन आतंकियों को नॉन स्टेट प्लेयर्स (ऐसे लोग जिनका किसी देश से कोई ताल्लुक नहीं होता) करार दिया था।
सिक्युरिटी के लिए फड़णवीस को शुक्रिया कहा
कसूरी ने कहा, ‘मुंबई एयरपोर्ट पर उतरने से लेकर अब तक मुझे बहुत अच्छी सिक्युरिटी दी गई है। मैं इसके लिए फड़णवीस सरकार का शुक्रिया अदा करता हूं।’
‘कसूरी के पिता आजादी की लड़ाई में जेल गए’
इससे पहले सुधींद्र कुलकर्णी ने इस मौके पर कहा, ‘कसूरी के पिता ने मुंबई में ही लॉ की पढ़ाई की थी और भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जेल भी गए थे। कसूरी साहब को इस बात का गर्व है। भारत-पाकिस्तान के इतिहास के बोझ को हमें ढोना बंद कर देना चाहिए।’ कुलकर्णी ने यह भी कहा कि जिन्ना को मुंबई से इतना प्यार था कि वे बंटवारे के बाद भी यहां लौटना चाहते थे।
कुलकर्णी को स्याही पोते जाने के बाद क्या हुआ?
1. शिवसेना नेता राउत ने कहा, ”हमारा विरोध बरकरार है। पाकिस्तान के कुछ एजेंट ही बुक लॉन्चिंग इवेंट करा रहे हैं। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री कसूरी का प्रोग्राम देश के शहीदों का अपमान है। शिवसेना अपने बयान पर कायम है। हम बुक लॉन्चिंग के विरोध पर कायम हैं। प्रोग्राम कराना सीएम की मजबूरी है, हमारी नहीं।”
2. कालिख पोते जाने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुलकर्णी ने कहा, ”हम डरने वाले नहीं हैं। हम प्रोग्राम करेंगे।”
3. वहीं पाकिस्तान के पूर्व मंत्री कसूरी ने कहा, ”मैं यहां होटल में बैठने नहीं आया हूं। दोनों देशों की जनता चाहती है कि सुलह हो। इस तरह से विरोध होना दुखद है।” बता दें कि शिवेसना मुंबई में इस बुक लॉन्चिंग इवेंट का विरोध कर रही थी। पिछले हफ्ते शिवसेना के विरोध के कारण पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली के दो प्रोग्राम कैंसल कर दिए गए थे।
सीएम फड़णवीस ने दिया था सिक्युरिटी का वादा
दूसरी ओर, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़णवीस ने कहा है कि कसूरी के प्रोग्राम के दौरान पूरी सिक्युरिटी दी जाएगी। सीएम ने कहा, “प्रॉपर वीजा पर भारत आने वाले किसी भी विदेशी डिप्लोमैट को सिक्युरिटी देना सरकार का काम है। कसूरी के प्रोग्राम को भी पूरी सिक्युरिटी दी जाएगी। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम प्रोग्राम में उठाए जाने वाले मुद्दों से सहमत हैं।”
और किन नेताओं ने दिए बयान?
* कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने स्याही पोते जाने की घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे अपने गुंडों को काबू में रखें।
* एनसीपी ने इस घटना के लिए महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार को घेरा।
* बीजेपी की शाइना एनसी ने इस घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में इस तरह के बर्ताव की इजाजत नहीं दी जा सकती।
* शिवसेना ने अपने मेंबर्स की इस हरकत का समर्थन किया है। शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, ”यह तो बहुत हल्का रिएक्शन है।”
कौन हैं सुधींद्र कुलकर्णी?
कुलकर्णी फॉरेन पॉलिसी थिंक टैंक ऑब्जर्वर एंड रिसर्च फाउन्डेशन के चेयरमैन हैं। उन्हीं के ऑर्गनाइजेशन की तरफ से कसूरी की बुक की लॉन्चिंग हुई। कुलकर्णी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और बीजेपी के सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी के स्पीच राइटर रहे हैं। आईआईटी ग्रैजुएट कुलकर्णी ने 13 साल बीजेपी में रहने के बाद 2009 में पार्टी का साथ छोड़ दिया था।
क्यों हुआ विरोध?
शिवसेना का कहना है कि आतंकवाद फैला रहे पाकिस्तान के लोगों का वह महाराष्ट्र में कहीं भी प्रोग्राम नहीं होने देगी। कुछ दिन पहले शिवसेना के विरोध के बाद पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली का मुंबई और पुणे में मशहूर गजल गायक जगजीत सिंह की याद में होने वाला कॉन्सर्ट कैंसल हो गया था। इसे लेकर देश में राजनीति गरमाई हुई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुलाम अली को दिल्ली और यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने लखनऊ में कार्यक्रम करने का इनविटेशन दिया है। ममता बनर्जी ने भी उन्हें कोलकाता में कार्यक्रम करने के लिए इनवाइट किया है।
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