PAK से सीरीज को मंजूरी नहीं: केंद्र, BCCI-PCB की दुबई में मीटिंग फेल हुई

नई दिल्ली/दुबई। यूनियन स्पोर्ट्स मिनिस्टर विजय गोयल ने सोमवार को कहा-आतंकवाद और खेल साथ नहीं चल सकते। गोयल के इस बयान के कुछ देर बाद ही BCCI और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के बीच पहले से तय प्रोग्राम के मुताबिक दुबई में मीटिंग हुई। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बाइलेटरल सीरीज फिर शुरू करने के मकसद से बुलाई ये मीटिंग भी फेल हो गई। बोर्ड के रवैये पर नाराजगी जताते हुए गोयल ने कहा था- बोर्ड को प्रपोजल देने से पहले सरकार से बात कर लेनी चाहिए थी। स्पोर्ट्स मिनिस्टर ने कहा- भारत और पाकिस्तान के बीच बाइलेटरल सीरीज तब तक नहीं हो सकती, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को पनाह देना बंद नहीं कर देता।

बीसीसीआई ने पीसीबी से पहले ही कह दिया था कि बाइलेटरल सीरीज के लिए भारत सरकार की मंजूरी जरूरी होगी। लिहाज, सोमवार सुबह विजय गोयल के बयान के बाद ये तय माना जा रहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच जल्द कोई भी बाइलेटरल क्रिकेट सीरीज नहीं होगी।  BCCI और PCB के अफसरों के बीच सोमवार दोपहर दुबई में मीटिंग हुई। यह मीटिंग पहले से तय थी। मीटिंग के बाद BCCI सेक्रेटरी अमिताभ चौधरी ने कहा- चर्चा की जानकारी दोनों बोर्ड्स अपने मेंबर्स को देंगे।
क्या कहा था विजय गोयल ने?
दोनों देशों के बीच 2012 से कोई बाइलेटरल सीरीज नहीं हुई है। इसकी वजह दोनों देशों के बीच लगातार जारी तनाव है। न्यूज एजेंसी से बातचीत में गोयल ने कहा, “बीसीसीआई की जिम्मेदारी है कि वो पाकिस्तान को कोई भी प्रपोजल देने के पहले सरकार की इजाजत लेती। मैं अब ये साफ कर देना चाहता हूं कि जब तक क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म बंद नहीं होता, तब तक दोनों देशों के बीच कोई भी बाइलेटरल सीरीज नहीं होगी। लेकिन हमने मल्टीलेटरल यानी आईसीसी के टूर्नामेंट्स में एक-दूसरे के खिलाफ खेलने से इनकार नहीं किया है।”
PCB भेज चुका है लीगल नोटिस
दरअसल, बीसीसीआई और पीसीबी के बीच ढाई साल पहले बातचीत में सहमति बनी थी कि दोनों देशों की टीमें 2015 से 2023 के बीच पांच बाइलेटरल सीरीज खेलेंगी। पाकिस्तान का दावा है कि एमओयू साइन हुआ था, जबकि बीसीसीआई के मुताबिक सिर्फ सहमति बनी थी। कोई करार नहीं हुआ।
पीसीबी ने कथित एमओयू को तोड़ने के लिए लीगल नोटिस भेजा और हर्जाने के तौर पर 60 मिलियन (करीब 387 करोड़ रुपए) मांगे। माना जाता है कि बीसीसीई सेक्रेटरी अमिताभ चौधरी की अगुआई में दुबई गई टीम पीसीबी ऑफिशियल्स को ये समझाने की कोशिश करेगी कि जब तक सरकार की इजाजत नहीं होगी, तब तक बाइलेटरल सीरीज नहीं हो सकती। लिहाजा, पाकिस्तान केस वापस ले ले।
हालांकि, अगर पीसीबी ऐसा नहीं करती तो हर्जाने पर फैसला लेना होगा। यहां ये जानना दिलचस्प होगा कि पीसीबी की आर्थिक हालत बेहद खस्ता है। अगर भारत सीरीज खेलने तैयार होता है तो उनको काफी फायदा होगा। बता दें कि 8 साल पहले पाकिस्तान में श्रीलंका की क्रिकेट टीम पर आतंकी हमला हुआ था। इसके बाद से कोई भी बड़ी विदेशी टीम वहां सीरीज खेलने नहीं गई।
क्या PCB को हर्जाना देगा BCCI
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पीसीबी कुछ भी दावा करे लेकिन सच्चाई ये है कि पाकिस्तान से जब भी बाइलेटरल सीरीज की बात आती है तो BCCI साफ कर देता है कि कोई भी फैसला सरकार की इजाजत के बाद ही होगी। इस बार भी यही हुआ। मीटिंग में BCCI ने पीसीबी से कहा कि वो हर्जाने के लिए शुरू की गई लीगल प्रोसीजर बंद कर दे।
 

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