RSS ने मुसलमानों को दिया दो विकल्प

तहलका एक्सप्रेस प्रतिनिधि, लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने कहा है कि देश के मुसलमानों को साफ करना चाहिए कि वे अपना हीरो किसे मानते हैं ए. पी. जे. अब्दुल कलाम को या मुंबई हमले के गुनहगार याकूब मेमन को?
लखनऊ में आरएसएस समर्थित संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम ऑल इंडिया उलेमा कॉन्फ्रेंस में आरएसएस के नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि ‘इंदौर में कार्यक्रम के दौरान एक लड़की ने आकर मुझसे पूछा हमें किसका अनुसरण करना चाहिए, कलाम का या याकूब का? यहीं मुझे लगता है कि मुसलमानों को भी अब इसका फैसला कर लेना चाहिए।’ इंद्रेश ने कहा कि ऐसा पहली बार देखा गया है कि ऐसे किसी शख्स के जनाजे में जिसे राज्य ने फांसी की सजा दी हो, हजारों लोग शामिल हुए हों। इस कार्यक्रम में देशभर से सैकड़ों मुस्लिम धर्मगुरू शामिल हुए थे। वहीं इस दौरान ‘मुस्लिम मजलिस’ नाम के एक संगठन के कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाकर कार्यक्रम का विरोध भी किया। उनका कहना था कि आरएसएस मुस्लिम विरोधी संगठन है और यह कार्यक्रम महज एक नाटक है। इंद्रेश ने कहा कि मुस्लिम समुदाय को अपने लोगों में से ऐसे लोगों को पहचान कर अलग करना होगा, जो दंगों, नफरत और अलगाव को बढ़ावा देते हैं।
वहीं इस मौके पर आए कई मुस्लिम धर्मगुरुओं ने आरएसएस की तारीफ करते हुए कहा कि संगठन ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय और श्यामाप्रसाद मुखर्जी की विचारधारा पर चलते हुए देश के निर्माण में बड़ा योगदान किया है। हालांकि इन धर्मगुरुओं को सार्वजनिक मंचों पर कम ही देखा गया है। इस मौके पर मुस्लिम धर्मगुरुओं को एक स्कार्फ (जिसे अक्सर मुस्लिम पहनते हैं) और आरएसएस की शैली का एक झोला भी प्रदान किया गया। गौरतलब है कि इससे पहले मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने रमजान के दौरान देश भर में कई जगहों पर इफ्तार पार्टियों का भी आयोजन किया था। इसके अलावा संगठन बाबरी मस्जिद और रामजन्मभूमि विवाद को लेकर मुस्लिम समुदाय के बीच सामंजस्य बनाने की भी कोशिश कर चुका है।
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